Hindi, asked by Lalitalenka9, 3 months ago

apna parichay dete hua apne parivaar ke bare me 10 vakya likhiye​

Answers

Answered by yashikak1403
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Answer:

वर्तमान समय के, व्यस्तता भरे जीवन में संयुक्त परिवार का प्रचलन कम होता जा रहा है। अब ज्यादा-तर मूल परिवार ही समाज में देखने को मिलते हैं। जिसमें दम्पत्ति अपने बच्चों के साथ निवास करता है। जीवन के भागा-दौड़ में, संयुक्त परिवार विभक्त होकर जहां मूल परिवार के रूप में परिवर्तित हो गए है, वहीं मूल परिवार का आकार भी अब छोटा होने लगा है। जिसमें पुरूष व स्त्री काम के सिलसिले में अलग निवास करते हैं। बच्चे भी पढ़ाई या अन्य कारणों के वजह से अपने परिवार से दूर निवास करते हैं। यह कहना अनुचित नहीं होगा की परिवार व्यक्ति के इकाई के रूप में परिवर्तित होता जा रहा है।

Answered by Sweetkiller72
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मेरा नाम प्रवीण कुमार है मैं गाजियाबाद शहर का रहने वाला हूं. मैं कक्षा 5 में पढ़ता हूं मेरे स्कूल का नाम गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल है.

मेरे पिताजी का नाम श्री विलास राय है और माता जी का नाम रुकमणी देवी है हमारे घर में कुल 6 सदस्य है. मेरी दिनचर्या काफी सरल है.

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मैं सुबह 5:00 बजे उठकर कॉलोनी के पार्क में पिताजी के साथ घूमने चला जाता हूं. उसके बाद में स्कूल जाता हूं वहां पर मैं मन लगाकर पढ़ाई करता हूं सभी सहपाठी और शिक्षक गण मुझे बहुत पसंद करते है. मैं हर बार कक्षा में अव्वल आता हूं.

मुझे बैडमिंटन और क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है और स्कूल में होने वाली सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेता हूं. मैं हमेशा सत्य बोलता हूं और सदैव दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करता हूं.

Mera Parichay Essay in Hindi 250 words

मेरा नाम प्रिया जांगिड़ है मैं राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में रहती हूं जिसको गुलाबी नगरी भी कहा जाता है. मेरे पिताजी का नाम श्री शिवकुमार है और माता जी का नाम मीना देवी है. हमारे घर में कुल 4 सदस्य हैं जिसमें मैं मेरे पिताजी माताजी और मेरा एक छोटा भाई है.

मेरा घर आर्य कॉलोनी में स्थित है यहां पर रहने वाले सभी लोग बहुत ही अच्छे है. मैं कक्षा चार की छात्रा हूं मेरे स्कूल का नाम विवेकानंद पब्लिक स्कूल है. मैं सुबह सूर्य उदय से पहले उठ जाती हूं सभी जरूरी कार्य करने के पश्चात में मां के साथ मंदिर जाती हूं.

इसके बाद में स्कूल में पढ़ाई गए पाठ को फिर से पढ़ती हूं. मैं प्रतिदिन स्कूल में जाती हूं वहां की सभी अध्यापक – अध्यापिकाए बहुत अच्छे है, वे प्रतिदिन हमें नई शिक्षा देते है और कई बार तो रोचक और ज्ञानवर्धक कहानियां भी सुनाते है.

मेरे सहपाठी भी बहुत अच्छे है. हर बार में कक्षा में अव्वल आती हूं. मुझे चित्रकारी करना, गाना गाना, खाना बनाना, नृत्य करना बहुत पसंद है. मैं बहुत ज्यादा जिज्ञासु हूं इसलिए मुझे नई-नई चीजें सीखना बहुत पसंद है.

मैं हमेशा सच बोलती हूं और अपने सभी कार्य समय पर करती हूं. स्कूल से आने के बाद में खाना खाती हूं. कुछ समय बाद ट्यूशन टीचर आकर मुझे पढ़ाते है. इसके बाद स्कूल में दिया गया होमवर्क करती हूं.

शाम को कॉलोनी के बगीचे में मैं और मेरे दोस्त सभी मिलकर खेलते है. इसके बाद में जल्दी भोजन कर के सो जाती हूं क्योंकि जल्दी सोना और जल्दी उठना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है.

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मेरा नाम रवि कुमार है मेरे पिताजी का नाम रमेश अग्रवाल है और माता का नाम श्रीमती दुर्गा देवी है मैं कक्षा 8 का विद्यार्थी हूं और मेरे स्कूल का नाम विद्यासागर सीनियर सेकेंडरी स्कूल है.

हम दिल्ली शहर में रहते है लेकिन हमारा फैसला गांव उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थित है. हमारे घर में कुल 7 सदस्य है. मैं मेरे माता-पिता, दादा-दादी और दो छोटे भाई बहन है. मेरे दादा-दादी हमारे साथ नहीं रहते हुए हमारे पैतृक गांव में ही रहते है.

मैं प्रातः सूर्योदय से पहले करीब 5:00 बजे उठ जाता हूं फिर मैं अपने नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर कॉलोनी के पास बनी पार्क में घूमने के लिए चला जाता हूं. वहां पर अन्य लोग भी कई प्रकार की क्रियाएं करते रहते हैं जैसे कुछ लोग योगा और एक्सरसाइज तो कुछ युवा लोग आर्मी की तैयारी के लिए तेज दौड़ लगाते है.

पार्क में कुछ बुजुर्ग लोग भी आते है जिनको मैं रोज प्रणाम करता हूं और वे भी मुझे बहुत ही स्नेह प्रदान करते है उनसे बहुत कुछ अच्छी बातें सीखने को मिलती है.

इसके पश्चात मन कर चला जाता हूं और नहाकर स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाता हूं मेरी माता जी मेरे लिए सुबह का नाश्ता तैयार कर देती है पिताजी और मैं साथ में नाश्ता करते हैं क्योंकि पिताजी को भी कार्यालय में जाना होता है.

कुछ समय बाद स्कूल बस मुझे लेने आती है और मैं उसने बैठकर चला जाता हूं. विद्यालय पहुंचने पर में सबसे पहले ही पहले के मंदिर जाकर मां सरस्वती को प्रणाम करता हूं फिर स्कूल की प्रार्थना होती है. मेरी कक्षा की सभी विद्यार्थी बहुत ही होनहार और अच्छे है.

सभी शिक्षक गण मुझे जानते है क्योंकि मैं हर बार कक्षा में प्रथम श्रेणी से पास होता हूं और मैं वार्षिक उत्सव, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, वाद-विवाद प्रतियोगिता, खेलकूद इत्यादि सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेता हूं. कुछ दिनों पहले हुई निबंध प्रतियोगिता में मुझे प्रथम स्थान मिला था.

विद्यालय के सभी शिक्षक गण बहुत अच्छे है वह हमें अच्छी शिक्षा देते है और कभी कभी पढ़ाई का टेंशन कम करने के लिए हमें ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाते है और कभी खेलने के लिए भी ले जाते है.

विद्यालय से 1:00 बजे हमारी छुट्टी हो जाती है. घर आकर में मुंह हाथ धोकर खाना खाता हूं इसके बाद थोड़ी देर में टीवी देखता हूं. शाम 4:00 बजे में फिर से पढ़ाई करने के लिए बैठ जाता हूं इस समय मैं स्कूल मैं दिया गया हूं होमवर्क करता हूं.

करीब 5:00 बजे के लगभग मैं और मेरी दोस्त पास ही के मैदान में खेलने के लिए चले जाते है और खूब मस्ती करते है.

मुझे क्रिकेट, फुटबॉल और बैडमिंटन खेलना, संगीत सुनना बहुत पसंद है साथ ही मुझे लिखने का भी बहुत शौक है मैं छोटी कविताएं और चुटकुले लिखता हूं. मुझे डांस करना भी बहुत पसंद है इसलिए जब भी स्कूल की छुट्टियां पड़ती है तो मैं डांस सीखने के लिए भी जाता हूं.

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