Hindi, asked by Sunandasasane01977, 1 year ago

Apne aas paas ghatit koi chaturai se sambandhit ghatna likhiye

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Answered by MavisRee
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दोस्तों क्या आप जानते हैं की सूझ -बूझ से हम बड़ी से बड़ी कठनाइयों का सामना बड़े ही आसानी से कर सकते हैं ,पर जब कठिनाई  आये तो हमें डरना नहीं चाहिये I डर हमारे सोचने की शक्ति को कम कर देता जिसकी वजह से अनुकूल परिस्थतियों में  हम  घबरा जाते हैं I बस हमें अपने मान और बुद्धि को अपने वश में करना है ,और क्या साड़ी परेशानियां ऐसे चली जायेगी जैसे गधे के सर से सिंग

आज हम इसी विषय को एक कहानी के ज़रिये समझेंगे I

मेरे शहर में एक व्यापारी था I वह  व्यापार के लिए दुसरे शहर में जा रहा था I रास्ते में उसे भूख महसूस हुई किन्तु उस सुनसान रास्ते में जंगल ही जंगल था I

न तो कोई गाँव ना कोई घर दिखाई पद रहा था और ना ही कुआं या तालाब ही दिखाई पड़ता था I भूख ,प्यास से वह बेचैन  

हो उठा I लेकिन पानी की तलाश में बराबर चलता रहा I

उसकी दादी ने सत्तू देते समय कहा था -"बेटे रास्ते में भोजन बनाने में बहुत तकलीफ होती है यह थोडा सत्तू रख लो I इस राते में किसी तालाब या नदी का पानी से अपने अंगोछे में ही गुंथकर रख लेना "

इसलिए व्यापारी के भोजन क समस्या तो हल थी Iकिन्तु उसे पानी ही नहीं मिल रहा था  I भूख पानी से उसका गला सुख  भी चूका था फिर वह चलते चलते भी थक चुका था I पैर आगे बढ़ने से इनकार कर रहे थे Iवह क्या करे यह समझ में नहीं आ रहा था Iलेकिन वह पानी के तलाश में वह चलता ही रहा I

काफी  समय बाद उसे एक नदी दिखाई दी Iलेकिन उस चिलचिलाती धुप में नदी के किनारे कोई  पेड़ नहीं था जिसकी छाया में वह थोडा आराम कर सके Iतभी दूर एक सेमर का  का पेड़ दिखाई दिया वह उसी तरफ बढ़ता चला गया I समर की जड़ें दूर थक नदी में फैली हुई थी Iण व्यापारी अपना मुंह हाथ धोने लगा I इतने में ही मगरमच्छ  पानी में तैरता हुआ आया और व्याप्परी का पैर पकड़कर खींचने लगा Iइस आकस्मिक विपदा से व्यापारी घबरा गया I मौत सामने देखकर होश हवाश सभी गुम हो गए I तभी उसके दिमाग में बचने की एक तरकीब सूझी उसने अपनी चतुराई से मीठी आवाज में कहा है -हे! मगरमच्छ  आप तो जल के प्राणियों में श्रेष्ठ माने गए हैं जल में रहने वाले सभी जीव जंतु आपको राजा मानते हैं आपके बल का लोहा मानते हैं I जल में बैठे आपके भोजन की व्यवस्था करते हैं I मैं तो अपना शरीर  आपके हवाले करने आया था ताकि आप अपना पेट भर सकें पर आप तो सेमर की जड़ पकडे बैठे हैं Iमगरमच्छ चौंका उसकी चकनी चुपड़ी बातों में आ गया वह उसके छाल्वे को नहीं समझ सका  I

वह अपनी बेवकूफी पर काफी लज्जित हुआ और बोला मैं वाकई काफी बड़ा मुर्ख हूँ और फिर उसने तुरंत व्यापारी का पैर छोड़कर सेमर की जड़ पकड़ लिया I

इसलिए कहा गया है मुसीबत के समय धीरज से काम लेने वाला व्यक्ति अपने प्राणों की रक्षा इसी तरह से कर सकता हैI

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