Hindi, asked by gangulaanusha825, 11 months ago

Apne aaspaas file andhvishwas ke bare mein likhiye​

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Answered by mukhtarahmed17
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Answer:

जादू-टोना, शकुन, मुहूर्त, मणि, ताबीज आदि अंधविश्वास की संतति हैं। इन सबके अंतस्तल में कुछ धार्मिक भाव हैं, परंतु इन भावों का विश्लेषण नहीं हो सकता। इनमें तर्कशून्य विश्वास है। मध्य युग में यह विश्वास प्रचलित था कि ऐसा कोई काम नहीं है जो मंत्र द्वारा सिद्ध न हो सकता हो। असफलताएँ अपवाद मानी जाती थीं। इसलिए कृषिरक्षा, दुर्गरक्षा, रोग निवारण, संततिलाभ, शत्रु विनाश, आयु वृद्धि आदि के हेतु मंत्र प्रयोग, जादू-टोना, मुहूर्त और मणि का भी प्रयोग प्रचलित था।

मणि धातु, काष्ठ या पत्ते की बनाई जाती है और उस पर कोई मंत्र लिखकर गले या भुजा पर बाँधी जाती है। इसको मंत्र से सिद्ध किया जाता है और कभी-कभी इसका देवता की भाँति आवाहन किया जाता है। इसका उद्देश्य है आत्मरक्षा और अनिष्ट निवारण।

योगिनी, शाकिनी और डाकिनी संबंधी विश्वास भी मंत्र विश्वास का ही विस्तार है। डाकिनी के विषय में इंग्लैंड और यूरोप में 17वीं शताब्दी तक कानून बने हुए थे। योगिनी भूतयोनि में मानी जाती है। ऐसा विश्वास है कि इसको मंत्र द्वारा वश में किया जा सकता है। फिर मंत्र पुरुष इससे अनेक दुष्कर और विचित्र कार्य करवा सकता है। यही विश्वास प्रेत के विषय में प्रचलित है।

फलित ज्योतिष का आधार गणित भी है। इसलिए यह सर्वांशतः अंधविश्वास नहीं है। शकुन का अंधविश्वास में समावेश हो सकता है। अनेक अंधविश्वासों ने रूढ़ियों का भी रूप धारण कर लिया है।

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