Hindi, asked by singhalanjul, 8 months ago

Apne agar kisi pakshi ko ajad karne mei madad ki ho athva apne aaj ke samay mei kisi anjan vyakti ki madad ki ho to poori ghatna likhiye

Answers

Answered by sarveshcpr
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Explanation:

madad ki to hai par ghatna yad nahi..

Answered by Anonymous
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Answer:

हम पाँच सहेलियाँ निकिता, निशा, सुरभि, दिव्या, श्रुति पचमढ़ी घूमने गए थे। हमने वहाँ दर्शनीय स्थल देखे। हमने वहाँ सुंदर और सुनहरी पहाड़ियों का आनं‍द लिया। जब हम भ्रमण कर लौट रहे थे। तब हमने देखा एक असहाय स्त्री पेड़ के नीचे बैठी थी और ठंड से ठिठुर रही थी। मुझे उस पर दया आ गई। मैंने अपनी शॉल उसे दे दी। उसने उसे ओढ़कर ठंड भगाई। उस असहाय स्त्री की मदद कर मेरा मन बहुत हर्षित हुआ।

- निकिता भायरे, मसनगाँव (मप्र)

सहायता का मानव जीवन में बहुत महत्व है। सहायता करने से व्यक्ति की नम्रता व उसके संस्कार प्रकट होते हैं। सहायता करने से व्यक्ति को परमसुख की प्राप्ति होती है। इसी प्रकार की खुशी मुझे तब हुई जब हमारे विद्यालय के कुछ बच्चों की सहायता के लिए धन राशि एकत्रित की। उस समय मैंने व मेरे कुछ साथियों ने मिलकर भी धन राशि एकत्रित की व अपनी ओर से भी कुछ धन राशि दी। उस समय मैं उनकी यह सहायता कर बहुत हर्षाया।

- रवि जैन, केकडी (अजमेर)

जब हम किसी की सहायता करते हैं तो हमें प्रसन्नता होती है। शायद हम यह नहीं जानते कि हमें भी कभी किसी की सहायता लेनी पड़े। हम यह नहीं सोचते कि हमें जब कोई सहायता के लिए बोलता है और हम मना कर देते हैं तो उसे कितना बुरा लगता होगा?

- अभिषेक जैन, मंदसौर (मप्र)

एक दिन मैं जा रहा था कि मैंने देखा कि एक छोटा बालक नंगे पाँव जेठ माह की धूप में सिर के ऊपर 8.-10 किलो वजनी गठरी लेकर जा रहा था। मैंने रोक कर पूछा कि भैया तुम नंगे पाँव कहाँ जा रहे हो और इस गठरी में क्या है तो उत्तर मिला कि माँ बीमार है पिता हैं नहीं। उसका स्वर रुआँसा हो गया। गठरी में आटा था तो मैंने अपना धर्म मानकर उसकी गठरी लेकर उसके घर तक पहुँचा दी। देखा उसकी माँ झोपड़ी में खाट पर लेटी थी। मुझे देखा तो खुशी से फूली न समाई तो मुझे बहुत खुशी हुई।

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