apne apni garmi ki chuttia kaise bitai (corona mein) (correct answer - 88 points)
Answers
Answer:
गर्मी की छुट्टीयां छात्र के जीवन में सबसे अधिक प्रतीक्षित समय होती है। यह आराम करने और आस-पास की दुनिया की छान-बिन करने का समय होता है। इस बार मैंने अपने दादा-दादी के साथ अपनी गर्मी की छुट्टीयां बिताने का फैसला किया है। मेरी गर्मी की छुट्टीयों के दौरान मेरे दादा-दादी के घर बिताये हुए समय का संक्षिप्त विवरण यहां दिया गया है।
दादा-दादी के साथ हमारा अनुभव
मैं औऱ मेरी बहन ने इस गर्मी की छुट्टी को अपने दादा-दादी के साथ बिताने का फैसला किया है। वे गुजरात के कच्छ जिले के पास एक छोटे से गांव में रहते हैं। हम इस यात्रा के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे क्योंकि हमने पहले कभी भी किसी गांव की यात्रा नहीं किया था और ना ही हम वहां के जीवनशैली के बारे में कुछ जानते थे। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, हम वहां के जीवन शैली में समायोजित होते गए और पूरी तरह से इसका आनंद लेने लगे।
हमारा वहा ठहरना पूरी मस्ती से भरा हुआ था। हमारी दादी ने हमें हमारे पिता के कुछ नटखट, शरारती और मजेदार किस्सो के बारे में बताया। उन्होंने हमें बताया कि वे कैसे अपने स्कूल के शिक्षकों और पड़ोसियों के साथ शरारत किया करते थे। उन्होंने हमें यह भी बताया कि बचपन में, मैं और मेरी बहन अपने पिता की तरह कैसे शरारत औऱ बदमाशीया किया करते थे।
एक दिन मेरे दादाजी हमें थार रेगिस्तान में, कच्छ के लम्बे सैर के लिए ले गए, जो की दुनिया में सबसे बड़ा नमक रेगिस्तानों में से एक के लिए जाना जाता है। हमने वहां ऊंट की सवारी की और सूर्यास्त तक वहीं घुमते रहे। कुछ अच्छे समय बिताने के बाद हम वहां के मुख्य बाजार गए।
हमारी दादी ने हमें कच्छ के अद्वितीय हस्तशिल्पों के बारे में बताया और उन्होंने यह भी बताया की कैसे वहां की महिलाएं विभिन्न प्रकार के कढ़ाई वाले कपड़े बेचकर अपना जिवन यापन करती हैं। हमने पिता जी के लिए एक कढ़ाई दार कुर्ता और माँ के लिए एक साड़ी खरीदी। इसके बाद हम घर वापस चले आए और रात का खाना बनाने में हमने दादी की मदद भी की। अगले दिन हम अपने दादाजी के साथ खेत में गए और उन्होंने हमें विभिन्न कृषि तकनीकों के बारे में बताया जो की बहुत मजेदार था। हम हर दिन विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल होते थे।
निष्कर्ष