Apne bachpan ke Dinon ka Anubhav ka varnan
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बचपन एक मनुष्य का सबसे खुशनुमा एहसास होता है। मैं भी जब बच्चा था तब अपने बचपन के दिनों मैं खूब मस्ती करता था। मुझे बचपन में क्रिकेट बहुत पसंद था।मैं विद्यालय जाने के बाद अपना ग्रह कार्य करके अपने घर के बाहर वाले मैदान में क्रिकेट खेलने जाया करता था। जब हम क्रिकेट ,सतोलिया और अन्य मैदान में खेले जाने वाले खेल खेलते थे। बचपन के दिनों का एहसास कुछ अलग ही होता है। लेकिन अब जब मैं बड़ा हो गया हूं तो मैंने देखा कि आजकल तो बच्चों के पास खेलने कूदने मैदान में जाने दौड़ने आदि कार्यों के लिए समय नहीं है।आजकल के बच्चे मोबाइल टेबलेट कंप्यूटर आदि में ही अपना पूरा समय व्यतीत कर देते हैं।यही कारण है कि जो पहले जमाने के बच्चा हुआ करते थे वह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य हुआ करते थे लेकिन आपके बच्चे शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से कमजोर होते जा रहे हैं।मैं आजकल के बच्चों को यही सलाह देता हूं कि मैदान में जाकर खेले और अपना स्वास्थ्य बना है ना कि इन मोबाइल और टेबलेट या कंप्यूटर में ही अपना पूरा समय बर्बाद कर दे I
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