apne chote bhai ko bhuri sangati se bachane ke liye letter in hindi
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परीक्षा भवन
नई दिल्ली
12 मार्च 2000
प्रिय अनुज
शुभाशीष
आशा है तुम कुशल पूर्वक होंगे, यहां भी सभी प्रसन्न और एवं कुशल है. अब तक अपने नए मित्रों व नए वातावरण के बीच तुमने अपने आप को ढाल लिया होगा और अब तो पढ़ाई भी व्यवस्थित ढंग से आरंभ हो चुकी होगी.
तुम पहली बार घर और घर के बढ़ो सेे दूर हो. अब तुम्हें अपना हर निर्णय स्वयं लेना है, कब पढ़ना है, किससे पढ़ना है, कहां जाना है, कहां नहीं जाना, किससे मित्रता रखनी है, किससेे केवल परिचय तक ही सीमित रहना है. तुम भी अब तक यह समझ चुके होंगे की मित्रों की जीवन में क्या भूमिका रहती है. यहां रहते हुए भी एक मित्र के सहयोग और प्रेरणा से ही तुम्हें अच्छी विद्यालय में प्रवेश मिला हैं, यह तुम जानते हो.यदि चंचल प्रवृत्ति के, लापरवाह और व्यसनी मित्र मिल जाए तो भविष्य बिगड़ते देर नहीं लगती. तरह-तरह की बुरी आदतें, फिजूलखर्ची, लापरवाही और घरवालों से छिपाव ऐसे ही कुसंग का परिणाम होता है. तुम हम सभी की आशा हो. एक विशेष उद्देश्य और उच्च स्तर की शिक्षा के लिए घर से दूर गए हो पल भर के लिए भी तुम्हारा ध्यान लक्ष्य से ना भटके इसीलिए कुसंगति से बच कर रहना.हम सब की ओर से तुम्हें बहुत सारा स्नेह शुभकामनाएं और आशीर्वाद.
पत्र का उत्तर शीघ्र देना.
Answer:
answer. is. rightttttttttttt