Apne Dainik Jeevan mein aap Jo Sansadhan prayog karte hain unka uprokt aadhar per bhari Karan kijiye
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बच्चों में अपनी दुनिया को सहज रूप से छानबीन करने की सहज प्रवृत्ति होती है। बंद इमारतों के बाहर सीखना, सीखने को रचनात्मक, आनंददायी और रुचिपूर्ण बना देता है। यह पाठ्यचर्या के सभी क्षेत्रों में उत्तम कार्यप्रथा का अभिन्न अंग है। विद्यालय तथा उसके बाहरी परिवेश में वास्तविक दुनिया के सम्बन्ध में व्यावहारिक अनुभव देने में सामर्थ्य है, जो व्यक्ति को संलग्न करते हैं और वैज्ञानिक चिंतन उद्दीप्त करते हैं। इससे प्राथमिक विज्ञान में विशुद्ध प्रायोगिक कार्य करने के लिए अवसर मिलता है।
भारत के राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (2005) में कहा गया है कि बच्चा कुदरती रूप से सीखता होता है, तथा ज्ञान और समझ उसके क्रियाकलापों के परिणाम होते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि बच्चे जिज्ञासु होते हैं। वे लगातार प्रश्न पूछते हैं। बच्चे अपने इर्द-गिर्द के विश्व को समझने के लिए एक तरीके के रूप में पर्यावरण या परिवेश की छानबीन करना अच्छा लगता है।
बंद इमारत से बाहर की सीखने की क्रिया में किसी स्थानीय उद्यान का भ्रमण या दूर तक की यात्रा को शामिल किया जा सकता है। परन्तु विद्यालय के मैदानों और बिल्कुल पास के परिवेश की छानबीन भी समान रूप से प्रभावी हो सकती है।
यह इकाई इस बात की जांच-पड़ताल करती है कि किस प्रकार कक्षा से बाहर पाठ पढ़ाए जाने पर, विद्यार्थियों की प्रेरणा और मुख्य वैज्ञानिक अवधारणाओं की समझ में सुधार आ सकता है। यह इकाई पौधों और उनके वास स्थलों पर केंद्रित है।
आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं
- प्राथमिक विज्ञान पढ़ाने के लिए समुदाय और बाहरी परिवेश का उपयोग।
- विद्यार्थियों में वैज्ञानिक समझ विकसित करने विज्ञान को वास्तविक जीवन से जोड़ना।
- कक्षा से बाहर योजना बनाने, एवं पढ़ाने के तरीको तथा विज्ञान एवं परिवेश के साथ विद्यार्थियों की संलग्नता बढ़ाने के लिए सामुदायिक संसाधनों का उपयोग।
- यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है
- एक शिक्षक के रूप में आपकी भूमिका विद्यार्थियों को विज्ञान सीखने में सक्षम बनाने की है, तथा ऐसा करने के लिए स्थानीय परिवेश आपको कई परिस्थितियां और अवसर देता है। विज्ञान एक प्रायोगिक विषय है जो हमारे जीवन के प्रासंगिक है। अतः बाहरी परिवेश का उपयोग करने से विज्ञान को दैनिक जीवन से जोड़ने में मदद मिल सकती है। स्थानीय समुदाय और उसके संसाधनों का उपयोग करके विद्यार्थियों को आपके द्वारा पढ़ाई गईं विज्ञान की अवधारणाओं एवं विचारों से दिन-प्रतिदिन की समस्याएं हल करने में या अपना जीवन अधिक प्रभावी ढंग से जीने के बीच में सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी।