Apne Kisi videshi Mitra ko Bharat aane ka nimantran dete Hue Patra likhiye
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hi frnd
विदेशी मित्र को पत्र :
प्रिय मित्र सोफी ,
सप्रेम आलिंगन ,
बहुत दिनों से तुम्हारा कोई समाचार नहीं मिला है न तो तुम कोई मेसेज करते हो न कॉल न ही तुम फेसबुक पर नज़र आते हो कहाँ व्यस्त हो इन दिनों ?
हार कर मैंने पत्र लिखना शुरू किया जिसे निबंधित डाक से भेजूंगी I
देखो दोस्त हम भारतीय हैं ,इसीलिए जिससे एक बार स्नेह करते हैं उसे कमजोर होने नहीं देते Iतुम तो यहाँ आये हो भारत का सौंदर्य अप्रतिम है Iहरे हरे फसलों से लहलहाती धरती कहीं पकी फसलों को काटते हुए गुनगुनाते किसान कभी आम के वृक्षों पर लड़ी मंजरियाँ कोयल की कूक ,चारो ओर मदमस्त करने वाले कई तरह के फूल थोडा और आगे निकलो तो पलास के जंगले में,पूरे फूल ऐसे लगते हैं कि पलास के जंगल में आग लग गयी हो I झर झर करते झरने ,झलमल छल छल करती नदियाँ उसमे तैरती सफ़ेद मछलियाँ ज़रा रेत पर आकर बैठकर देखो कितना खुबसूरत नज़ारा है Iआँखें बंद करो तब भी नज़ारे तुम्हारे दिल में उतरकर अपनी जगह बना लेंगे I
"कभी भी आओ किसी भी भेष
सबसे सुन्दर भारत देश II "
तुम्हारी प्रिय मित्र
कखग
brainliest answer please
- follow me on Instagram @ishaagopika
Answer:
न्यूयॉर्क,
प्रिय मित्र सोफी ,
सप्रेम आलिंगन ,
बहुत दिनों से तुम्हारा कोई समाचार नहीं मिला है न तो तुम कोई मेसेज करते हो न कॉल न ही तुम फेसबुक पर नज़र आते हो कहाँ व्यस्त हो इन दिनों ?
हार कर मैंने पत्र लिखना शुरू किया जिसे निबंधित डाक से भेजूंगी I
देखो दोस्त हम भारतीय हैं ,इसीलिए जिससे एक बार स्नेह करते हैं उसे कमजोर होने नहीं देते Iतुम तो यहाँ आये हो भारत का सौंदर्य अप्रतिम है Iहरे हरे फसलों से लहलहाती धरती कहीं पकी फसलों को काटते हुए गुनगुनाते किसान कभी आम के वृक्षों पर लड़ी मंजरियाँ कोयल की कूक ,चारो ओर मदमस्त करने वाले कई तरह के फूल थोडा और आगे निकलो तो पलास के जंगले में,पूरे फूल ऐसे लगते हैं कि पलास के जंगल में आग लग गयी हो I झर झर करते झरने ,झलमल छल छल करती नदियाँ उसमे तैरती सफ़ेद मछलियाँ ज़रा रेत पर आकर बैठकर देखो कितना खुबसूरत नज़ारा है Iआँखें बंद करो तब भी नज़ारे तुम्हारे दिल में उतरकर अपनी जगह बना लेंगे I
तुम्हारI प्रिय मित्र
सुभम
Explanation:
Hope this helps you.