Hindi, asked by bhaveshgvanoida, 18 days ago

apne mitr ko patr likhkar apne hariduar yatra ke bare m batiye​

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Answered by girja4006
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Answer:

पत्र लेखन दो व्यक्तियों के बीच संवाद स्थापित करने का एक साधन है। प्राचीन समय में भी इसका प्रचलन रहा है। आज भी है, परंतु प्रारूप में परिवर्तन आ गया है।

सूचना-क्रांति के इस युग में मोबाइल फ़ोन, इंटरनेट आदि के प्रचलन से पत्र-लेखन में कमी आई है, फिर भी पत्रों का अपना विशेष महत्त्व है और रहेगा।

अन्य कलाओं की तरह ही पत्र-लेखन भी एक कला है। पत्र पढ़ने से लिखने वाले की एक छवि हमारे सामने उभरती है। कहा गया है कि धनुष से निकला तीर और पत्री में लिखा शब्द वापस नहीं आता है, इसलिए पत्र-लेखन करते समय सजग रहकर मर्यादित शब्दों का ही प्रयोग करना चाहिए।

अच्छे पत्र की विशेषताएँ-एक अच्छे पत्र में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं-

पत्र की भाषा सरल, स्पष्ट तथा प्रभावपूर्ण होती है।

पत्र में संक्षिप्तता होनी चाहिए।

पत्र में पुनरुक्ति से बचना चाहिए, जिससे पत्र अनावश्यक लंबा न हो।

पत्र में सरल एवं छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए तथा उनका अर्थ समझने में कोई कठिनाई न हो।

पत्र में इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग करना चाहिए कि उसमें आत्मीयता झलकती हो।

एक प्रकार के भाव-विचार एक अनुच्छेद में लिखना चाहिए।

पत्र में धमकी भरे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

पत्र के माध्यम से यदि शिकायत करनी हो तो, वह भी मर्यादित शब्दों में ही करना चाहिए।

पत्र में प्रयुक्त भाषा से आडंबर या दिखावा नहीं झलकना चाहिए।

पत्रों के अंगों आरंभ, कलेवर और समापन में संतुलन होना चाहिए।

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