apne mitra ko apne gaon mein aamantrit karte hue patra likhiye
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प्रिय मित्र रोहित,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर बहुत खुशी हुई। तुमने अपने पत्र में मुझसे यह जानने की इच्छा की है की मेरा छुट्टियों में क्या कार्यक्रम है। तुम्हें याद होगा कि पिछली छुट्टियों में हम साथ-साथ गोवा घुमने गए थे। इस बार चाहता हूँ कि हम दोनों मेरे गांव चलें और वहीं पर अपनी छुट्टियां बिताएं।
मेरा गांव कश्मीर में है धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला कश्मीर हम अपनी आँखों से प्रत्यक्ष देखेंगे। वहाँ पर बर्फ के गोलों से खेलेंगे, झील में नौका विहार करेंगे, सुन्दर-सुन्दर स्थानों को देखेंगे, बर्फ से ढकी चोटियाँ निश्चय ही हमें आनन्दित करेंगी। इसके सौन्दर्य से मोहित होकर हम भी कह उठेंगे कि यदि स्वर्ग है तो यहीं है और कहीं नहीं।
आशा है तुम्हें मेरा गांव और कश्मीर जाने का मेरा इरादा पसन्द आएगा और वहाँ जाने में कोई कठिनाई या आपत्ति नहीं होगी।
शेष कुशल।
तुम्हारा मित्र,
परमजीत