Hindi, asked by ramya226, 1 year ago

Apne Priya Neta se sakshatkar lene ke liye prashnavali taiyar kijiye

Answers

Answered by aradhanasingh831
50

Dr APJ Abdul Kalam

मैं : सर, सर्वप्रथम मैं आपका यहां स्वागत करती हूं।

सर : धन्यवाद।

मैं : सर, आपने राजनीति में इतना नाम कमाया है। कैसे?

सर : देखो बेटा, यदि व्यक्ति अपनी रुचि के क्षेत्र में मन लगाकर मेहनत करे तो वह अवश्य सफल होता है। बचपन में जब मैं स्कूल में पड़ता था तो मेरी विज्ञान में बहुत रूचि थी और शायद इसीलिए मैं मिसाइल मैन ऑफ इंडिया बना। रही बात राजनीति की तो वह तो आपके विश्वास से संभव हुआ।

मैं : सर, आपके कहने का मतलब है कि मेहनत ही आपकी सफलता का राज है ?

सर : जी बेटी ! हमें निष्ठावान होकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए साधना करनी पड़ती है, तभी तो सफलता मिलती है।

मैं : सर, स्कूली जीवन में आपको शिक्षकों या माता पिता की डांट तो पड़ती होगी ?

सर : खूब डांट पड़ती थी, लेकिन हमें अब समझ में आता है कि बड़े जब डाँटते हैं तो वे हमारे भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए डाँटते हैं। दिल से वे आपका भला चाहते हैं। फिर अनुशासन भी तो जरूरी है।

मैं : सर, आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आपने हमे बहुत उपयोगी बातें बताई। बस, गुरुमंत्र दे दिया। धन्यवाद !

Hope it helps you : )

-Answerd by Arya Priya


aradhanasingh831: If it didn't helped you then sorry I m only of class 8th : (
ramya226: thankyou so much
Answered by jamalpasha796
23

Answer

Dr APJ Abdul Kalam

मैं : सर, सर्वप्रथम मैं आपका यहां स्वागत करती हूं।

सर : धन्यवाद।

मैं : सर, आपने राजनीत में इतना नाम कमाया है। कैसे?

सर : देखो बेटा, यदि व्यक्ति अपनी रुचि के क्षेत्र में मन लगाकर मेहनत करे तो वह अवश्य सफल होता है। बचपन में जब मैं स्कूल में पड़ता था तो मेरी विज्ञान में बहुत रूचि थी और शायद इसीलिए मैं मिसाइल मैन ऑफ इंडिया बना। रही बात राजनीति की तो वह तो आपके विश्वास से संभव हुआ।

मैं : सर, आपके कहने का मतलब है कि मेहनत ही आपकी सफलता का राज है ?

सर : जी बेटी ! हमें निष्ठावानहोकरलक्ष्य प्राप्ति के लिए साधना करनी पड़ती है, तभी तो सफलता मिलती है।

मैं : सर, स्कूली जीवन में आपको शिक्षकों या माता पिता की डांट तो पड़ती होगी ?

सर : खूब डांट पड़ती थी, लेकिन हमें अब समझ में आता है कि बड़े जब डाँटते हैं तो वे हमारे भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए डाँटते हैं। दिल से वे आपका भला चाहते हैं। फिर अनुशासन भी तो जरूरी है।

मैं : सर, आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आपने

हमेबहुत उपयोगी बातें बताई। बस, गुरुमंत्र दे दिया। धन्यवाद !

Hope it helps you : )

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