Hindi, asked by zinettadalmeida4269, 1 year ago

Apne school ke phle din me anubhav likhte hue pita Ji ko patr likho

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Answered by Anonymous
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Answer:

पिता को पत्र - नई कक्षा तथा विद्यालय के प्रथम अनुभव का वर्णन करते हुए

पिता को पत्र

विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय

चित्रगुप्त रोड, दिल्ली

दिनांक 15 जुलाई 1992

पूज्य पिताजी,

सादर प्रणाम।

आज मैं पहले दिन अपने नए स्कूल में पढ़ने के लिए गया। गत वर्ष तक मैं यहां के मिडिल स्कूल में पढ़ता था। तब हम छोटे लड़के उच्च माध्यमिक विद्यालय को बड़े स्कूल के नाम से पुकारा करते थे, तब स्वप्न देखा करते थे कि कब हम भी बड़े स्कूल में पढ़ने जाएंगे। सौभाग्यवश आज मेरा वह स्वप्न पूर्ण हो गया है।

वहां बहुत कुछ नया है। नया विद्यालय, नई कक्षा और नए अध्यापक हैं, किंतु सभी छात्र नए नहीं हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जो मेरे साथ उत्तीर्ण कर के नवम श्रेणी में प्रविष्ट हुए हैं। कुछ गली-मोहल्ले के जाने-पहचाने अन्य लड़के भी यहां मिल गए हैं। आधे से अधिक लोग अपरिचित हैं। इससे पहले कि हम एक दूसरे से परिचय बढ़ाते, हमने सबसे पहला काम स्थान चुनने का किया। मैंने पहले बेंच पर बैठना उचित समझा। इस बात पर कई बालकों से कहासुनी और छीना-झपटी भी हो गई। इस मतभेद का कारण मुख्यतः वे छात्र थे, जो परीक्षा में अनुत्तीर्ण होकर इस श्रेणी में रह गए थे। वे हम पर रौब जमाना चाहते थे। कक्षा का मॉनिटर भी उन्ही में से एक बना है, किंतु वह बड़ा न्याय प्रिय छात्र सिद्ध हुआ। उसने रोल नंबर के क्रम से सबको बिठाकर सारा झगड़ा ही समाप्त कर दिया।

हमारे कक्षा अध्यापक श्री वर्मा जी हैं। उनका या किसी अन्य अध्यापक का पूरा नाम अभी तक मुझे पता नहीं चल सका। वह काफी अनुभवी और बड़े स्नेही अध्यापक हैं। गणित के अध्यापक आज नहीं आए। सुना है गणित के पहले वाले अध्यापक का स्थानांतरण व पदोन्नति हो गई है। उनके स्थान पर कौन आएंगे, अभी पता नहीं चला। शेष सभी विषयों के अध्यापक अपने-अपने घंटे में आए और पाठ्य पुस्तकों तथा कॉपियों आदि की सूची लिखवा कर चले गए। पहला दिन होने के कारण अधिकांश अध्यापक नए रजिस्टरों में छात्रों के नाम लिखने, नए प्रवेश पत्र भरने, शुल्क लेने तथा छात्रों के अभिभावकों से मिलने में व्यस्त रहे।

मुझे यहां का भवन बहुत अच्छा लगा। कमरे में बिजली के पंखे लगे हुए हैं। बाहर एक बगीचा है। प्रत्येक कक्षा में स्मार्ट क्लासेस लगी हुई हैं। मुझे अपना नया विद्यालय, नए अध्यापक, नई कक्षा और नया वातावरण बहुत पसंद आया। आप आशीर्वाद दें कि यह सब वस्तुएं मेरे लिए शुभ मंगलकारी हो और मैं अपने नए विद्यालय में पहले से भी अधिक सफलता प्राप्त कर सकूं।

माता जी को प्रणाम। बहन को प्यार।

आपका आज्ञाकारी पुत्र

xyz

Answered by KrystaCort
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विद्यालय में पहले दिन का अनुभव बताते हुए पिता जी को पत्र

Explanation:

डी ब्लॉक  

पश्चिम विहार  

नई दिल्ली 87  

10.11.2019

सादर प्रणाम पिताजी,

मैं यहां कुशल मंगल हूं और आशा करता हूँ कि आप भी वहां अच्छे होगे। पिताजी है पत्र में आपको अपने विद्यालय के पहले दिन के अनुभव के बारे में बताने के लिए लिख रहा हूँ। आज विद्यालय में मेरी अध्यापिका जी ने मुझे बाकी सभी छात्रों से परिचित कराया। थोड़ी ही देर में मेरे कई सारे मित्र बन गए। हमने साथ में भोजन किया और छात्रावास में भी मिलकर ढेर सारी मस्ती की। मैं जितना विद्यालय आने से पहले घबरा रहा था उससे ज्यादा मुझे अब यहां आने की खुशी हो रही है।  

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद मुझे विद्यालय भेजने के लिए।

माता जी को मेरा नमस्कार देना।

आपका पुत्र

दीपक

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