Apni Bahen ko patra likhkar yogasan ke liye prerit kijiye
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प्रिय बहन ,
सदैव खुश रहो |
मैं यहाँ कुचल पूर्वक हूँ और आशा रखता हूँ की आप सभी भी कुशल होंगे | आज मुझे माता जी का पत्र मिला जिससे घर के समाचार पता चला और साथ ही ये भी पता चला की आपकी तबियत नाजुक रहती है | आपके शरीर के अलग अलग हिस्सों में दर्द होता है | आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखिये |
स्वास्थ्य अच्छा रहता है तो जीवन सिख पूर्वक व्यतीत होता है |इसलिए आप योगासन किया करे भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में व्यस्तता के कारण हम अपने स्वास्थ्य की तरफ ध्यान ही नहीं दे पा रहे है | योग के माध्यम से हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते है | अगर योग नियमित रूप से किया जाये तो शरीर में होने वाले दर्द से निजात पाई जा सकती है | मैंने हाल ही में योग करना शुरू किया है और मुझे इससे बहुत ही आराम है मैं योग की वजह से तरोताज़ा महसूस करता हूँ , और ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है | आपके लिए योगासन एक अच्छा उपचार सिद्ध होगा |
आशा करता हूँ आप मेरी सलाह को मानेगी और योगासन को अपने जीवन में स्थान देंगी | मुझे पूर्ण विश्वास है की आप जल्द से जल्द स्वास्थ्य हो जाएगी | माता - पिता को सादर प्रणाम |
आपका प्यारा भाई
आकाश गगुप्ता
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