apni behen ko patr likhkar yogasn karne ke liye preret kijiye patr
Answers
परीक्षा भवन,
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18 मई 2019
प्रिय बहन युवलिन,
सस्नेह आशीष।
तुम्हारा पत्र मिला। तुमने लिखा है कि तुम्हारा पाचन खराब रहता है।
प्रिय बहन! सैर, प्राणायाम तथा व्यायाम आवश्यक है, लेकिन एक तुम हो कि कभी व्यायाम नहीं करते। व्यायाम और प्राणायाम के बहुत लाभ होते हैं। जैसे-शरीर के अंग प्रत्यंग में नए रक्त का संचार होता है। जल्दी-जल्दी सांस लेने के कारण फेफड़े खुलते हैं और उनमें ऑक्सीजन अधिक जाती है, जिससे रक्त शुद्ध होता है।
शरीर की त्वचा के रोम छिद्रों के रास्ते, शरीर में पसीने के रास्ते तथा शरीर के भीतर के विकार बाहर निकल जाते हैं। शरीर की हड्डियों तथा अंगों में लचक पैदा होने के कारण चुस्ती फुर्ती आती है। व्यायाम करने वाला व्यक्ति हमेशा खुश तथा स्वस्थ रहता है, इंद्रियां शुद्ध हो जाती हैं।
व्यायाम अपने सामर्थ्य अनुसार ही करना चाहिए परंतु निरंतर करना चाहिए।
आशा है कि आप नियमित रूप से व्यायाम करेंगे और आपकी शारीरिक सारी समस्याएं तथा मानसिक समस्याएं अपने आप ही दूर हो जाएंगी।
तुम्हारा भाई,
अभियज्ञा ठाकुर..
Explanation:
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