apni choti bahen ko Patra likho khelo ka mahatva samjhate hua
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14.6.2020
मेरी प्यारी बहन प्रिया
आशा करता हूँ कि तुम गाँव में माता-पिताजी के साथ सुख से होंगी। प्रिया, आज मैं टेलिविजन पर एशियन गेम्स का सीधा प्रसारण देख रहा था और जब मैंने अनेक देशों से आयीं लड़कियों का प्रदर्शन देख तो मैं स्तब्ध रह गया। सच में, आज के दौर में लड़कियां किसी से पीछे नहीं हैं। उनको देखते ही मुझे तुम्हारा ध्यान आ गया। तुम्हारा भी तो राज्य की कबड्डी टीम में चयन होना है और आशा करता हूँ कि तुम इसके लिए कड़ी मेहनत कर रही हो। बहन, आज के समय में खेलों का बहुत महत्व हो गया है और अब वो समय नहीं रहा जब माँ -बाप अपने बच्चों को खेलों में भेजने से कतराते थे। तुम्हें तो अपने आप को बहुत खुशकिस्मत समझना चाहिए क्योंकि हमारे परिवार ने तुम पर कभी कोई रोक नहीं लगाई और सदा तुम्हें खेल के प्रति प्रोत्साहित ही किया है। तुम यह भी जानती हो कि पिताजी ने एक चपड़ासी होते हुए भी तुम्हें कभी कोई कमी नहीं आने दी और तुम्हें अभ्यास के लिए जो भी चाहिए था वो तुम्हें समय पर दिया गया है। प्रिया, आज स्मृति वर्मा, दीपक ठाकुर, अजय ठाकुर जैसे नाम दुनिया में खेलो में चमक रहे हैं और यह सब उनकी मेहनत का ही नतीजा है। वो भी कोई बड़े घर से नहीं थे लेकिन उनके सपने बड़े थे इसीलिए आज वो सब उस मुकाम पर हैं। तुम भी इसी जज्बे को लेकर मेहनत करो ताकि एक दिन तुम भी सारे परिवार का नाम रोशन कर सको।
हमारे सारे परिवार को तुम से बहुत उम्मीदें हैं और मेरा सपना तो तुम जानती हो, मैं बस यह चाहता हूँ कि मेरी बहन एक दिन बहुत बड़ी कबड्डी की खिलाड़ी बने और सारे विश्व में तुम्हारा नाम हो। मैं भी बचपन में कुछ ऐसा ही करना चाहता था लेकिन पारिवारिक कारणों से मैं तो नहीं कुछ कर पाया लेकिन तुम मेरी उम्मीद हो और तुम में मैं अपने सपनों को देखता हूँ इसलिए प्यारी बहन, खूब मेहनत करो और अगले महीने होने वाले परीक्षण में चयनित होकर ही आना। मेरा प्यार और आशीर्वाद सदा तुम्हारे साथ है।
तुम्हारा भाई,
राकेश कुमार
प्रिय कुमारी
गाँव चिओग, तहसील थियोग,
शिमला