Apni Dharti Mata ko Unki vyatha ko kam karne ka Sankalp lete Hue Ek Patra likhiye
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अपनी धरती माता को उनकी व्यथा को कम करने संकल्प लेते हुए पत्र |
आदरणीय धरती माता जी,
सादर प्रणाम |
धरती हमारा आँगन है, धरती ने मनुष्य को प्रकृति दी है पेड़, फूल, नदियाँ, आदि दिया है। धरती पर हम घर बना के रहते धरती मनुष्य को दिया गया प्रकृति का उपहार है।
आज मनुष्य ने धरती को अपने लाभ के लिए धरती के लिए दूषित कर लिया है | सब जगह कूड़ा-कर्कट डाल कर दूषित कर दिया है | हम धरती को जाने-अनजाने में दुःख रहे है | धरती के हम बहुत शुक्रगुज़ार है। हम आपको आगे से दुःख नहीं देंगे ना ही आपको दूषित करेंगे | हम आज से संकल्प लेते है हम आपको साफ़-सुथरा रखेंगे | आपको दूषित नहीं करेंगे|
आपके बच्चे |
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