Apni jindagi swayam jeene ke aadhunik dabav ka kya parinaam hua hai .ek kahani yah bhi paath ke sandrbh mein bataiye
Answers
अपने जीवन को आधुनिक तौर-तरीके से जीने के दवाब का प्रभाव |
Explanation:
आज कल युवा तथा मध्य-वयस्क वाले लोगों को, आधुनिक तौर-तरीके से जीने का एक नशा सा ही चढ़ा हैं | उनको लगता हैं की, आधुनिक तौर-तरीके से जीने के बाद लोग उनको सबसी देंगे परंतु ऐसा नहीं हैं, तो चलिए इस संदर्भ में एक कहानी के जरिए जानते हैं |
सुमित नाम का एक लड़का अपने गाँव से पढ़ाई के लिए दिल्ली में रहने के लिए आया | दिल्ली में आने से पहले स्वभाव में वह बहुत ही शांत और ईर्षा-हिन लड़का था | देखने में सीधा-सीधा और बहुत ही मासूम सा और पढ़ने में भी वह काफी ज्यादा अच्छा था | परंतु जैसे ही उसने दिल्ली की आधुनिक और व्यस्त-बहुल जीवन को देखा तो उसका स्वभाव एक झटके से हुआ | वह अब सज-सवर कर बड़े ही "स्वाग के साथ" गली-गली घूमता रहा |
अब वह ईर्षा से भरा हुआ पाठ भ्रष्ट युवक था | न ही पढ़ने की कोई चाह था उयर न ही अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण का भावना | आखिर में आधुनिक जीवन शैली में जीने के लत ने उसे परीक्षा में पास करने ही नहीं दिया |
यहाँ पर इस लड़के साथ जो भी हुआ, उसके पीछे हमारे समाज का बहुत ही बड़ा हाथ हैं | लोग कहते है की," कितनी आउटडेटेड बात करते हों" तुम्हारा सोच मध्य-युगीय है" "तुम कैसे गवारों से जैसे दिख रहें हो" इत्यादि इत्यादि | इसलिए लोगों पर दवाब पड़ता है की, आधुनिक जीवन जीना ही जीना हैं |