Hindi, asked by NcertCbse, 1 month ago

Apni kimat kam mat samjho

Vishay par kahani likho

I will mark answer as brainliest

Don't write useless answers!!

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Answered by Anonymous
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Answer:

All the plant and animal in a particular area consider with there surrounding the plant and animal in a particular area consider with there surrounding the plant and animal in a particular area consider with there surrounding

Answered by meghaagrawal5712
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Answer:

एक बार की बात है एक कस्बे में एक साधु महाराज पधारे। उनके पास बहुत से दीन दुखी लोग आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे। उन्हीं में से एक था राधेश्याम। उनसे महाराज से कहा कि मैं बहुत ही गरीब हूं, सिर पर बहुत कर्ज है और बस यह समझों की जीवन अब डूबने ही वाला है। चाहता हूं कि आपकी कुछ कृपा हो जाए।

साधु महाराज को उस पर तरस आ गया और उन्होंने उसे एक चमकीला नीला पत्थर दिया और कहा कि यह कीमती पत्थर है। इसे बेचकर अपना कर्ज उतार लेना और जो बच जाए तो उससे मजे से जीवन गुजारना। अब यह तुम्हारे उपर है कि तुम इसे कितने में बेच सकते हो।

राधेश्याम वहां से वह पत्‍थर लेकर चला गया और सबसे पहले उसने एक सब्जी की दुकान वाले को यह पत्‍थर दिखाकर कहा कि यह रख लो बहुत कीमती है क्या दाम दोगे इसके? सब्जी वाले ने देखा और कहा कि यह तो कोई मामूली पत्थर लगता है। फिर भी मैं इसके 100 रुपए दे सकता हूं। यह सुनकर वह आदमी निराश हो गया और उस पत्थर को लेकर चला गया।

फिर वह एक फल विक्रेता के पास गया। वह थोड़ा जानकार था तो उसने कहा महात्मा ने तुम्हें ये यूं ही दे दिया है ये कोई खास पत्थर नहीं फिर भी मैं तुम्हें 1000 रुपए दे सकता हूं। यह सुनकर राधेश्याम फिर निराश हो गया और सोचने लगा कि इससे तो कर्जा नहीं चूकता होगा।

फिर वह अपने किराने की वाले की दुकान पर गया। वो थोड़ा और भी जानकार था। उसने कहा कि वैसे तो यह कोई खास पत्थर नहीं फिर भी यदि तुम चाहो तो मैं तुम्हें इसके 10 हजार रुपए तक दे सकता हूं। यह सुनकर राधेश्‍याम थोड़ा खुश हुआ परंतु वह सोचने लगा कि इससे तो मेरा कर्ज भी नहीं उतरेगा तो क्या करना इसे बेचकर।

फिर वह एक बर्तन वाले के पास गया जो उसके जान पहचान वाला था। बर्तन के व्यापारी ने उसे नीले चमकीले पत्‍थर को देखकर कहा कि लगता तो यह कीमती है। यह कोई विशेष रत्न हो सकता है। मैं तुम्हें इसके 1 लाख रुपए तक दे सकता हूं। यह सुनकर राधेश्याम सोचने लगा की हो ना हो इसकी कीमत इससे भी ज्यादा होगा। इससे तो समझो मेरा कर्ज तो उतर ही जाएगा। वह उस पत्‍थर को लेकर वहां से चला गया।

फिर राधेश्‍याम एक सुनार के पास गया। सुनार ने उस पत्थर को ध्यान से देखा और बोला की काफी कीमती लगता है। बहुत सोचने के बाद उसने कहा कि इसके ज्यादा से ज्यादा मैं तुम्हें 5 लाख रुपए दे सकता हूं। यह कीमत सुनकर तो राधेश्याम उछल गया और सोचने लगा कि यह कीमत तो शानदार है। परंतु वह मन ही मन सोचने लगा कि हो ना हो इसकी कीमत इससे भी ज्यादा हो सकती है।

तब वह उस अमुल्य पत्‍थर को लेकर एक हीरे के व्यापारी के पास गया। अब तक तो वह समझ चुका थी कि यह कोई मामूली पत्थर नहीं है। हीरे के उस व्यापारी ने उस पत्थर को देखते ही चौंक कर कहा कि कहां से हाथ लगा तुम्हें यह? यह तो बहुत ही कीमती है। चौंकने वाले भाव देखकर राधेश्याम समझ गया कि अब आया हूं सही जगह पर। उस व्यापरी ने उस पत्‍थर को माथे से लगाया और कहा कि अब बताओ कितने लोगों इसके?

यह सुनकर राधेश्याम ने कहा तुम कितने दोगे इसके? व्यापारी बोला 10 लाख। राधेश्याम ने कहा नहीं पूरे 20 लाख लूंगा बोलो मंजूर है? तब दोनों में बहुत झीकझीक हुई। मतलब बार्गेनिंग हुई और अंत में 15 लाख में वह पत्‍थर बिका। बाद में व्यापारी बोला की चलो सस्ते में सोदा हो गया।

इस कहानी से सीख यह मिलती है कि अपनी कीमत समझो। खुद को कभी भी कम मत आंकों। आप वह नहीं है जो दूसरे आपको समझते हैं आप वह हैं जो आप खुद को समझते हैं। दूसरों के नकारात्मक विचार पर अपनी राय मत बनाओ या अपना आंकलन मत करो। आप वह कर सकते हो जो आप चाहते हो इसलिए अपनी कीमत हमेशा बढ़ाकर ही रखो।

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