Hindi, asked by sorty, 1 year ago

apni pichli kaksha ke Anubhavo ko sansmaran ke roop me likhiye

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Answered by mchatterjee
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न जाने कैसे साल गुजर जाते हैं और हम सब नए कक्षा में आ जाते हैं।

क्लास वन से दसवीं तक का सफर बहुत आसान नहीं था।

पहले दिन घर से अजनबी के तरह रवाना होना स्कूल के लिए और स्कूल के आख़िरी दिन किसी अपने से बिछड़ने का ग़म।

हो गई थी आंखें नम। वह भी खूब आंसू बहाते थे जो डांट ज्यादा लगाते थे।

स्कूल का वह आखिरी दिन भूलाकर भी हम नहीं भूल पाते हैं।

कालेज में यार मिलते हैं मगर स्कूल की जगह कोई नहीं ले पाता है।
Answered by narritipandotra
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Answer: please tell this answer in parageaph

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