History, asked by pari9119, 2 months ago

अर्नाल्ड टायनबी के बारे में विस्तार से बताइए ​

Answers

Answered by kumarsinghraghav9
1

Explanation:

जोज़फ अर्नाल्ड ट्वानबी (14 अप्रैल 1889 – 22 अक्टूबर 1975)) विश्वविख्यात अंग्रेज इतिहासकार थे। आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने वहाँ और लंदन विश्वविद्यालय में इतिहास के अध्यापन का कार्य किया और विद्या के क्षेत्र में कीर्ति अर्जित की। परराष्ट मंत्रालय के शोध विभाग के संचालक आदि महत्वपूर्ण पदों पर रहकर उन्होंने सरकरी सेवा भी की। पेरिस शांति संमेलन (1946) में भाग लेनेवाले इंग्लैंड के वे सदस्य भी थे।

लंदन जन्मे तॉयनबी ऑक्सोफ़र्ड के विनचेस्टर कॉलेज और बल्लीओल कॉलेज में शिक्षा से ग्रहण की। एक छात्र के रूप में परिश्रमी और प्रतिभाशाली टॉयनबी शुरू से इतिहासकार बनना चाहते थे। उन्हें लगता था कि इतिहास के धरातल पर दुनिया में न जाने कितना काम करना अभी बाकी है। 1912 में उन्होंने बल्लीओल कॉलेज में एक शिक्षक के रूप काम करना शुरू किया। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश कार्यालय के राजनीतिक खुफ़िया विभाग के लिए तथा 1919 में पेरिस शांति सम्मेलन के लिए एक प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।

किंतु ट्वनबी ने सबसे बड़ी प्रतिष्ठा महान सार्वत्रिक इतिहासकार के रूप में पाई है। संसार की प्रमुख भाषाओं की विशिष्ट जानकारी की कुंजियों से अनंत ज्ञानराशि के तहखानों में पैठकर उसे प्रकाश में लाने की अपूर्व क्षमता के साथ ही स्वतंत्र विचारक एवं मौलिक स्रष्टा की गरिमा भी उनमें विद्यमान है। उनकी अमर कृति "ए स्टडी ऑव हिस्टरी" (10 जिल्द, 1934-1954) इस शताब्दी का अत्यंत प्रभावशाली ऐतिहासिक अध्ययन है। इनमें विश्व की 26 सभ्यताओं के विकास, ह्रास और पतन का गवेषणात्मक विवेचन किया गया है। ट्वानबी ने आधुनिक पश्चिमी सभ्यता को भी तटस्थ होकर विचारने की चेष्टा की है। किंतु उनका ऐतिहासिक विश्लेषण मुख्यत: धार्मिक दृष्टि से प्रभावित है और उन्हें इतिहास में जीव की ईश्वर की ओर प्रगति दिखाई देती है। उनके विचार में पश्चिमी सभ्यता की रक्षा ईसाई धार्मिक भावना के पुन:जागरण से ही संभव हो सकती है। उनक यह निष्कर्ष सर्वमान्य तो नहीं है, किंतु विश्व की ऐतिहासिक घटनाओं एवं प्रवृत्तियों की उनकी सभी व्याख्याओं को अकेला चुनौती देनेवाला कोई बिरला ही विद्वान् हो सकता है। "ए स्टडी ऑव हिस्टी" की सभी जिल्दों को प्राय: बिना ऊबे हुए पढ़ सकना कठिन है और साधारणतया सोमरविल को दो जिल्दोंवाला उसका संक्षिप्त संस्करण ही प्रचलित है। ट्वानबी की अन्य पुस्तकों में 'नैशनैलटी ऐंड वार' (1915), 'दि न्यू यूरोप' (1915), 'सिविलिजेशन ऑन ट्रायल' (1941), 'दि वल्ड्र ऐंड दि वेस्ट' (1952), 'एन हिस्टोरियंज ऐप्रोच टु रेलिजन' (1956) इत्यादि उल्लेखनीय हैं।

Attachments:
Answered by punamdevi4469
4

Answer:

जोज़फ अर्नाल्ड ट्वानबी (14 अप्रैल 1889 – 22 अक्टूबर 1975)) विश्वविख्यात अंग्रेज इतिहासकार थे। आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने वहाँ और लंदन विश्वविद्यालय में इतिहास के अध्यापन का कार्य किया और विद्या के क्षेत्र में कीर्ति अर्जित की।

Explanation:

hope helps you mark as brainlist

Similar questions