अरुणाचल प्रदेश के विवाह परम्पराओं के बारे में बताओं।
Answers
Answer:
अरुणाचल प्रदेश की विवाह परम्परा बहुत बढ़िया है. I लोगों को विवाह में बुलाया जाता है I और नए नए कपड़े दिए जाएँ हैं. I फिर उन्हें नहलाया जाता hai.I कभी कभी अच्छा अच्छा खाना बहुत सारा पकवान खिलाया जाता hai.I नहीं खाने पर बहुत मार पड़ ती है.I लोग एक दूसरे को बहुत बधाई देते हुए आगे की कार्यवाही करते है. I वहाँ की परम्परा बहुत अनोखी और चोखा है. I लोग अपना शादी विवाह बहुत धूमधाम से मनाते है. I आतिशबाजी घुड़सवारी भी होती होगी. I
Answer:
परशुराम ने यहां अपने पापों का प्रायश्चित किया था, ऋषि व्यास ने यहां आराधना की थी, राजा भीष्मक ने यहां अपना राज्य बसाया तथा भगवान कृष्ण ने रूक्मिणि से विवाह किया था।अरूणाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में फैले पुरातात्विक अवशेषों से पता चलता है कि इसकी एक समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा रही है।
Explanation:
वांचो में बाकी समाज की तरह परिवार के मुख्य पिता होते है जो अपनी परिवार के जिम्मेदारियों को संभालने में जूझते हैं। इसीलिए परिवार के पहला बेटा ही पिता के गुजर जाने के बाद घर के जिम्मेदारियों को संभालते हैं। ठीक उसी तरह गाँव के मुख्य होते है राजा जो गाँव के सारे नियमों और कानून को संभालते हैं। यदि राजा ने किसी भी मुद्दे पर निर्णय लेकर आदेश देता है तो राजा की बात को कोई भी नकार नहीं सकते। यदि किसी ने राजा की बात को नकार भी करते हैं तो राजा उसे कुछ भी दंड दे सकता है। गाँव में राजा बनने के लिए किसी की सहायता और सलाह लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यहाँ के परंपरा में राजा का बड़ा बेटा ही राजा बनने का अधिकार हैं। यदि राजा ने दूसरे गाँव के रानी से विवाह न करके किसी सामान्य समुदाय या अंश के स्त्री से विवाह करते है तो उनका बेटा राजा नहीं बन सकते। राजा दूसरे गाँव के रानी से ही विवाह करने से ही उनका बेटा राजा बन सकते है जिसे वाङहम (राजा) कहते है।