Hindi, asked by drustykumari01jan96, 18 hours ago

अरुणिमा सिन्हा को फुटबॉल मैच कहाॅं खेलना था​

Answers

Answered by seemarajput5304
0

अरुणिमा सिन्हा अब समाज कल्याण के प्रति समर्पित हैं और गरीबों और विकलांग लोगों के लिए एक मुफ्त खेल अकादमी खोलना चाहती हैं। वह उसी कारण से पुरस्कारों और सेमिनारों के माध्यम से प्राप्त होने वाली सभी वित्तीय सहायता दान कर रही है।

Answered by qp42984
0

Answer:

हिमालय की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर विजय पताका फहराने वाली अरुणिमा सिन्हा जुनून को एवरेस्ट से भी बड़ा मनती हैं. उनका जुनून ही है, जिसने बायां पैर न रहते हुए भी उन्हें एवरेस्ट की ऊंचाई छूने में कामयाबी दिलाई. पेश है, उनकी बहादुरी और कामयाबी की दास्तान उन्हीं की जुबानीः

'मैं सफलता के आसमान पर हूं, एवरेस्ट के ऊपर हूं. मैं जो चाहती थी वह मैंने पाया है. मेरे पैरों ने भी मेरा पूरा साथ दिया. क्या हुआ जो मेरे पास मेरा अपना बायां पैर नहीं है. पराए पैर ने पराएपन का अहसास तक नहीं होने दिया. एक पैर क्या, मेरे पास और भी कुछ न होता तब भी मैं यहीं पर होती. ऊंचाई ही मुझे पुकारती है, मेरे बुलंद इरादों को कोई छू भी नहीं सकता, मुझे कोई रोक भी नहीं सकता.

मैं वॉलीबॉल-फुटबॉल खेलना चाहती थी, हॉकी चैंपियन बनना चाहती थी, लेकिन मेरी कटी हुई टांग ने मुझे नियम-कानून से बंधे खेलों में जाने से रोक दिया. लोग कहते हैं कि कानून पैरों में बंधी हुई बेड़ियों के समान होते हैं, मेरे पास तो एक पैर भी नहीं था, लेकिन पर्वत पर चढ़ने से मुझे कौन रोक सकता था.

Similar questions