Hindi, asked by dr583066, 8 months ago

अरुण तिलक दिये भाल ' में ' भाल ' का शाब्दिक अर्थ क्या है

Answers

Answered by shishir303
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अरुण तिलक दिये गये ‘भाल’ में ‘भाल’ का शाब्दिक अर्थ है...

मस्तक यानि माथा

बसो म्हारे नैनन में नंदलाल ।

मोर मुगट मकराकृत कुंडल, अरूण तिलक सोहै भाल ।

ये मीराबाई के दोहे की पंक्तियां है, जिसमें वे कहती है कि हे, कृष्ण!  मेरे मन में बस जाओ, आपके सिर पर मोरपंख का मुकुट, कानों में कुंडल और माथे पर सुंदर तिलक शोभायमान हो रहा है।

स्पष्ट है यहां पर ‘भाल’ का अर्थ मस्तक यानी माथा है, इस तरह बाल का शाब्दिक अर्थ माथा यानि मस्तक होगा।

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Answered by omkarsinghos21537
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Answer:

भाल का शाब्दिक अर्थ माथा है।

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