Environmental Sciences, asked by omm767698, 4 days ago

अरे शारदा ऑब्टेंड फ्रॉम नेचुरल फ्यूल्स बाय वैरीयस फिजिकल एंड कमर्शियल प्रोसेस ​

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Answered by mana3404
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PATA NAHI

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BC

Answered by Zahrah2008
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महोदया, राष्ट्रपति जी का अभिभाषण देश और सरकार की दशा तथा दिशा बताता है और उसका परिचय कराने वाला दस्तावेज होता है। सरकार की नीयत और नीति को भी बताता है। राष्ट्रपति जी का अभिभाषण सरकार की कथनी होती है और उसके बाद जो बजट आता है, आर्थिक सर्वे आता है वह सरकार की करनी होती है। यहां सरकार की कथनी और करनी में अंतर दिखाई दे रहा है। राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई है, लेकिन चर्चा से पहले रेल बजट प्रस्तुत हुआ, आर्थिक सर्वे आ गया, आम बजट आ गया और ये तीनों दस्तावेज सरकार के दावे को पूरी तरह से नकारने वाले हैं। सरकार की कलई सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट से खुल गई है। रेल बजट में हमने सुना कि 17 साल बाद कांग्रेस के मंत्री द्वारा पेश किया गया है। कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, जब उनके वक्ता बोलते हैं तो सारी जिम्मेदारी राजीव गांधी जी से ले कर सोनिया गांधी जी तक खत्म कर देते हैं।

महोदया, राष्ट्रपति जी का अभिभाषण देश और सरकार की दशा तथा दिशा बताता है और उसका परिचय कराने वाला दस्तावेज होता है। सरकार की नीयत और नीति को भी बताता है। राष्ट्रपति जी का अभिभाषण सरकार की कथनी होती है और उसके बाद जो बजट आता है, आर्थिक सर्वे आता है वह सरकार की करनी होती है। यहां सरकार की कथनी और करनी में अंतर दिखाई दे रहा है। राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई है, लेकिन चर्चा से पहले रेल बजट प्रस्तुत हुआ, आर्थिक सर्वे आ गया, आम बजट आ गया और ये तीनों दस्तावेज सरकार के दावे को पूरी तरह से नकारने वाले हैं। सरकार की कलई सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट से खुल गई है। रेल बजट में हमने सुना कि 17 साल बाद कांग्रेस के मंत्री द्वारा पेश किया गया है। कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, जब उनके वक्ता बोलते हैं तो सारी जिम्मेदारी राजीव गांधी जी से ले कर सोनिया गांधी जी तक खत्म कर देते हैं। अभी चिंता मोहन जी बोल रहे थे, उन्होंने देश के बारे में चिंता कम की है, लेकिन सोनिया जी को हर काम का क्रेडिट दिया है। यह उनका सौभाग्य है कि उनकी नेता उनकी बात सुन रही थीं और खुश भी हो रही थीं। यह बात सही है कि प्रशंसा किसी को भी बुरी नहीं लगती है। यह इंसानी स्वभाव ही है। कांग्रेस पार्टी बड़ी सोच वाली पार्टी कही जाती थी और कश्मीर से कन्याकुमारी तक की पार्टी कही जाती थी। खास कर जब रेल बजट आया तो पता चला कि लोग क्षेत्रवाद का इल्ज़ाम क्षेत्रीय पार्टी पर लगाते थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी अब राष्ट्र की पार्टी नहीं, राज्य की पार्टी नहीं बल्कि अमेठी से रायबरेली तक की पार्टी रह गई है। पूरे रेल बजट में अमेठी से रायबरेली को जोड़ दो, तो देश को जोड़ दिया है। हर वक्ता की जो परिक्रमा है, वह अमेठी से रायबरेली तक परिक्रमा कर लें तो देश की परिक्रमा मान ली जाती है क्योंकि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह जी ने जो बातें कहीं, उन बातों से मैं अपने को सम्बद्ध करता हूं। जिस तरह से उन्होंने आर्थिक सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि आज भाषा बदल गई, आज हर वर्ष की जीडीपी की चर्चा करने वाले और अभी चिंतामोहन जी ने प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह जी का भी एक बार जिक्र कर लिया और जिक्र करते हुए उनको माइनॉरिटी का सबसे बड़ा नेता बताया और माइनॉरिटी से वे प्रधान मंत्री बने हैं,...( व्यवधान)

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