अर्थ अलंकार के वेदों के बारे में बताते हुए सभी के दो दो उदाहरण लिखिए
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जहां कविता में सौंदर्य और विशिष्टता अर्थ के कारण हो वहां अर्थालंकार होता है।
उदाहरण के लिए – चट्टान जैसे भारी स्वर
example. हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आगि, लंका सिगरी जल गई ,गए निशाचर भागी
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अर्थालंकार के भेद - उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, भ्रांतिमान, सन्देह, अतिशयोक्ति अलंकार, मानवीकरण, विभावना अलंकार
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अलंकार की परिभाषा
काव्यों की सुंदरता बढ़ाने वाले यंत्रों को ही अलंकार कहते हैं। जिस प्रकार मनुष्य अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए विभिन्न आभूषणों का प्रयोग करते हैं उसी तरह काव्यों की सुंदरता बढ़ाने के लिए अलंकारों का उपयोग किया जाता है।
अलंकार के भेद
अलंकार के मुख्यतः दो भेद होते हैं :
शब्दालंकार
अर्थालंकार
1. शब्दालंकार
जो अलंकार शब्दों के माध्यम से काव्यों को अलंकृत करते हैं, वे शब्दालंकार कहलाते हैं। यानि किसी काव्य में कोई विशेष शब्द रखने से सौन्दर्य आए और कोई पर्यायवाची शब्द रखने से लुप्त हो जाये तो यह शब्दालंकार कहलाता है।
शब्दालंकार के भेद:
अनुप्रास अलंकार
यमक अलंकार
श्लेष अलंकार
2. अर्थालंकार
जब किसी वाक्य का सौन्दर्य उसके अर्थ पर आधारित होता है तब यह अर्थालंकार के अंतर्गत आता है ।
अर्थालंकार के भेद
अर्थालंकार के मुख्यतः पाँच भेद होते हैं :
उपमा अलंकार
रूपक अलंकार
उत्प्रेक्षा अलंकार
अतिशयोक्ति अलंकार
मानवीकरण अलंकार
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