अर्थ बताएं-
आस कह रही श्वास से,धीरज धरना सीख।
बिन माँगे मोती मिले, माँगे मील न भीख।।
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अर्थ बताएं-
आस कह रही श्वास से,धीरज धरना सीख।
बिन माँगे मोती मिले, माँगे मील न भीख।।
इस श्लोक में कृष्ण ने अर्जुन से कहा है , तुम्हें अपने पर विश्वास रखना है , धीरज बना कर रखना फल की इच्छा को त्याग करके कर्म करने है|
खुद पे विश्वास आस रखो श्वास से धीरज रखना सीखो , क्योंकि बिना मांगे मोती मिल जाते है और जय बार मांगने पे भीख भी नहीं मिलती है|
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