अर्थ के आधार पर वाक्य भेद के नाम और सबके दो - दो उदाहरण लिखो
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Explanation:
वाक्य भेद दो प्रकार से किए जा सकते हैं —
१- अर्थ के आधार पर वाक्य भेद२- रचना के आधार पर वाक्य भेद
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेदसंपादित करें
अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते हैं –1-विधान वाचक वाक्य, 2- निषेधवाचक वाक्य, 3- प्रश्नवाचक वाक्य, 4- विस्म्यादिवाचक वाक्य, 5- आज्ञावाचक वाक्य, 6- इच्छावाचक वाक्य, 7-संकेतवाचक वाक्य, 8-संदेहवाचक वाक्य।
विधानवाचक वाक्य - वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है। उदाहरण -
भारत एक देश है।श्रीराम के पिता का नाम दशरथ था।दशरथ अयोध्या के राजा थे।
निषेधवाचक वाक्य : जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
मैंने दूध नहीं पिया।मैंने खाना नहीं खाया
प्रश्नवाचक वाक्य - वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार प्रश्न किया जाता है, वह प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है। उदाहरण -
भारत क्या है?श्रीराम के पिता कौन थे?दशरथ कहाँ के राजा थे?
आज्ञावाचक वाक्य - वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या प्रार्थना किया जाता है, वह विधिसूचक वाक्य कहलाता हैं। उदाहरण -
बैठो।बैठिये।कृपया बैठ जाइये।शांत रहो।कृपया शांति बनाये रखें।
विस्मयादिबोधक वाक्य - वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति का प्रदर्शन किया जाता है, वह विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता हैं। उदाहरण -
अहा! कितना सुन्दर उपवन है।ओह! कितनी ठंडी रात है।बल्ले! हम जीत गये।
इच्छावाचक वाक्य - जिन वाक्यों में किसी इच्छा, आकांक्षा या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं। उदाहरण- भगवान तुम्हे दीर्घायु करे। नववर्ष मंगलमय हो।
संकेतवाचक वाक्य- जिन वाक्यों में किसी संकेत का बोध होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। उदाहरण-
राम का मकान उधर है।सोनु उधर रहता है।
संदेहवाचक वाक्य - जिन वाक्यों में संदेह का बोध होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं। उदाहरण-
क्या वह यहाँ आ गया ?क्या उसने काम कर लिया ?
अर्थ के आधार पर वाक्य भेद
अर्थ के आधार पर वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं
1-विधानवाचक वाक्य
2- निषेधवाचक वाक्य
3- प्रश्नवाचक वाक्य
4- विस्मयादिवाचक वाक्य
5- आज्ञा वाचक वाक्य
6- इच्छा वाचक वाक्य
7- संदेह वाचक वाक्य
8- संकेतवाचक
- वाक्यविधानवाचक वाक्य:
ऐसे वाक्य जिनसे किसी काम के होने या किसी के अस्तित्व का बोध हो, वह वाक्य विधानवाचक वाक्य कहलाता है।
मैने खाना खा लिया
वह एक लड़का है।
- निषेधवाचक वाक्य:
जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। (nishedh vachak vakya ki paribhasha)
मैं दूध नहीं पिया।
मैंने खाना नहीं खाया।
- प्रश्नवाचक वाक्य:
जिन वाक्यों में प्रश्न किया जाए अर्थात् किसी से कोई बात पूछी जाए, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। (prashna vachak vakya ki paribhasha)
तुम्हारा नाम क्या है?
राम के पिता कौन है?
- विस्मयादिवाचक वाक्य:
ऐसे वाक्य जिनमे हमें आश्चर्य, शोक, घृणा, अत्यधिक ख़ुशी, स्तब्धता आदि भावों का बोध हो, ऐसे वाक्य विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाते हैं।
कहा ! भारत जीत गया।
अरे ! तुम लोग कब पहुंचे।
- आज्ञा वाचक वाक्य:
जिन वाक्यों से आज्ञा, उपदेश, प्रार्थना, अनुमति आदि का बोध हो, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
तुम पढ़ने जाओ।
यह पाठ तुम पढ़ो।
- इच्छा वाचक वाक्य:
वे वाक्य जिसमें हमें वक्ता की कोई इच्छा, आकांक्षा, आशीर्वाद, कामना इत्यादि का पता चलता है, उन वाक्य को इच्छा वाचक वाक्य कहते हैं।
भगवान सदा तुम्हारे साथ रहे।
सदा खुश रहो।
- संदेह वाचक वाक्य:
ऐसे वाक्य जिनसे हमें किसी प्रकार के संदेह या संभावना का बोध होता है, वह वाक्य संदेहवाचक वाक्य कहलाते हैं।
क्या उसने परीक्षा की तैयारी कर ली है।
आज बहुत बर्फ पड़ सकती है।
- संकेतवाचक वाक्य:
वे वाक्य जिनसे हमें एक क्रिया का दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, ऐसे वाक्य संकेतवाचक वाक्य कहलाते हैं।
अगर हम थोड़ा ओर तेज़ चलते तो बस नहीं छूटती।
अगर बारिश अच्छी होती तो फसल भी अच्छी होती।
#SPJ3