अर्थ की दृष्टि में सारे वाक्य के भेद भेदों की परिभाषा उदाहरण के साथ लिखिए
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अर्थ के आधार पर वाक्य के 8 भेद होते हैं-
1-विधान वाचक वाक्य,
2- निषेधवाचक वाक्य,
3- प्रश्नवाचक वाक्य,
4- विस्मयादिबोधक वाक्य,
5- आज्ञावाचक वाक्य,
6- इच्छावाचक वाक्य,
7-संकेतवाचक वाक्य,
8-संदेहवाचक वाक्य।
विधानवाचक वाक्य -
वह वाक्य जिससे सामान्य कथन का पता चले, विधानवाचक वाक्य कहलाता है।
जैसे -
हरियाणा एक राज्य है।
सुरेश एक अच्छा खिलाड़ी है।
सोहन पुस्तक पढ़ता है।
निषेधवाचक वाक्य :
जिन वाक्यों से नकारात्मकता का भाव प्रकट हो, वे निषेधवाचक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे-
सोहन पुस्तक नहीं पढ़ता है।
वह इस काम को नहीं करेगा।
प्रश्नवाचक वाक्य -
जिन वाक्यों से प्रश्न होने का भाव प्रकट हो, वे प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे -
आपका क्या नाम है?
तुम्हारा जन्म कब हुआ था?
राम के पिता का नाम क्या है?
आज्ञावाचक वाक्य -
जिन वाक्यों में आज्ञा प्रकट की जाए अथवा आदेश दिया जाए वे वाक्य आज्ञावाचक वाक्य कहलाते हैं
जैसे -
यह कार्य करिए।
इस पाठ को पढ़ो।
चुप रहो।
बाहर जाओ।
तुम्हें कल इस पुस्तक को देना है।
विस्मयादिवाचक वाक्य -
वे वाक्य जिनमें हर्ष, शोक, घृणा आदि का भाव प्रकट हो, उन्हें विस्मयादिबोधक वाक्य कहते हैं।
जैसे -
वाह! क्या बात है।
हाय! कितना गलत हुआ।
ओह! जानकर दुख हुआ।
इच्छावाचक वाक्य -
जिन वाक्यों में किसी इच्छा अथवा आशीर्वाद का बोध होता है, वे इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे-
ईश्वर तुम्हारी लंबी आयु करें।
तुम्हारा नव वर्ष अच्छा गुजरे।
संकेतवाचक वाक्य-
जब कोई बात दूसरी बात पर आश्रित हो अथवा संकेत करें उन्हें संकेतवाचक वाक्य अथवा शर्तबोधक वाक्य कहते हैं।
जैसे-
यदि तुम अच्छी मेहनत करते तो प्रथम आते।
तुम दिल्ली चलोगे तो मैं चलूंगा।
संदेहवाचक वाक्य -
जिन वाक्यों में शक उत्पन्न सोने का भाव हो अथवा सन्देह हो उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे-
रितिक पढ़ रहा होगा।
शायद मैं कल जाऊंगा।
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