अर्थ स्पष्ट कीजिए-
| i. मीरा के प्रभु सदा सहाई, राखे बिघन हटाय।
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इन पंक्तियों में मीरा मगन होकर प्रभु के गुण गा रही हैं, मीरा कहती हैं कि उनके प्रभु हर पल उनके साथ है, वह हर घड़ी उनकी सहायता करते रहते हैं, और उनके रास्ते के विघ्नों को हटाते रहते हैं।
राणा जी ने क्रोधित होकर उनके लिए जहरीले सांपों की टोकरी भिजवाई लेकिन जैसे ही वे टोकरी मीरा जी ने खोली तो उसमें उन्हें शालिग्राम मिला। जब राणा जी ने अमृत कहकर उन्हें जहर का प्याला पीने के लिए दिया और जब वे उसे पीने लगीं तो वह जहर अमृत बन गया। राणा जी ने उन्हें कांटों की सेज भेजी लेकिन जैसे ही वो उस सेज पर सोने के लिए आईं तो वो फूलों की सेज में बदल गई। यानी मीरा कहती हैं कि उनके प्रभु हर पल उनकी सहायता करते रहते हैं और वे उनकी रास्ते की सारी बाधाओं को दूर कर रहे हैं। इसलिए मीरा मगन होकर प्रभु के गुण गाती जा रही है कि मीरा के प्रभु सदा सहाई, राखे बिघन हटाय।
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