अर्थ स्पष्ट कीजिए। (iv) रेखांकित अंश का अर्थ स्पष्ट कीजि
(v) पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम लिखिए।
दिए गए पद्यांश पर आधारित निनलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
कह न छाडी साँस में अब मूला वह जलती कहानी आग हो डर
तभी दृग में सजेगा आज पानी, हार भी तेरी बनेगी मानिनी जय
पताका, राख क्षणि पतंग की वे समव दीपक की निशानी।
अंगार-शय्या पर सदल कलियाँ बिछाना। जाग तहको चरजाना
उपर्युक्त पद्यांश को पदकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i)प्रस्तुत पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) कवयित्री ने पतंगे का उदाहरण क्यों दिया है?
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