अर्थदंड लगाने के समान सिद्धांतों का वर्णन कीजिए
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व्यक्तिगत बदले की भावना को समाप्त कर राजकीय दंड की महिमा को स्थापित करना राज्य का उद्देश्य और उसकी बढ़ती हुई शक्ति का द्योतक हो गया। दीवानी के मामलों में अर्थदंड आदि द्वारा दोष किए गए हुए व्यक्ति को कुछ बदला दिलाना यद्यपि वैध माना गया, फौजदारी के मामलों में बदला लेना अब असंभव था।
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hrhrrhrjrhhrututururrurururur
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hrdhdurii
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