अर्ध आयु काल परिभाषित कर व्यंजक निगमित कीजिए
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वह समय जिसमें अभिकारक की सान्द्रता का मान प्रारंभिक सांद्रता से आधा रह जाता है उसे उस अभिक्रिया का अर्द्ध आयु काल कहते है। ... अभिक्रिया के वेग को सामान्यतया t1/2 द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। किसी भी रासायनिक अभिक्रिया का अर्द्ध आयुकाल का मान उस अभिक्रिया की कोटि पर निर्भर करता है।
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