Political Science, asked by tikeshwarsahusahu408, 2 months ago

अरस्तु के दासता संबंधी विचारों की व्याख्या कीजिए​

Answers

Answered by grajul33
0

Answer:

अरस्तू का मत है कि "वह राज्य जो दास प्रथा पर आधारित नहीं है, वह स्वयं दास होता है।" इस प्रसंग में यह उल्लेखनीय है कि अरस्तू यूनान के लोगों को ऐतिहासिक प्रमाणिकता के आधार पर विश्व के अन्य लोगों की तुलना में अधिक बौद्धिक स्तर का मानता था। इसलिए उसका मत था कि यूनानियों को कभी भी दास नहीं बनना चाहिए।

Answered by madhaviveny
0

Explanation:

दासता स्वाभाविक है – अरस्तु के अनुसार दास प्रकृति की देन है। अरस्तु का कहना है कि कुछ व्यक्ति शासन करने के लिए पैदा होते हैं, जबकि कुछ शासित होने के लिए। प्रकृति जिन व्यक्तियों को विवेक देती है, वह शासक होते हैं और जिनको केवल शारीरिक शक्ति देती है और जिनमें दूसरों के विवेक को समझने का गुण होता है वह शासित होते हैं।

Similar questions