Hindi, asked by prarthanasarkar21, 3 months ago

अरविंद कुमार सिंह जीवन परिचय​

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Answered by akshatayadav249
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Answer:

अरविंद कुमार हिंदी के प्रथम समांतर कोश यानी थिसारस के निर्माता के रूप में हिंदी भाषाजगत को समृद्ध करने के लिये जाने जाते हैं. उनका जन्म 17 जनवरी, 1930 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ. उन्होंने पहले समांतर कोश और बाद में संसार का सबसे अद्वितीय द्विभाषी थिसारस तैयार किया. इस काम में उन्हें अपनी धर्मपत्नी कुसुम कुमार की बहुत सहायता मिली.

यह अपनी तरह का एकलौता अद्भुत भाषाई संसाधन है. यह किसी भी शब्दकोश और थिसारस से आगे की चीज़ है और संसार में कोशकारिता का एक नया कीर्तिमान स्थापित करता है. इतना बड़ा और इतने अधिक शीर्षकों, उपशीर्षकों वाला संयुक्त द्विभाषी थिसारस और कोश इस से पहले कहीं भी किसी भी भाषा में तैयार नहीं किया गया था.

अरविंद कुमार की प्रारम्भिक शिक्षा मेरठ के नगरपालिका विद्यालय में हुई. सन 1943 में उनका परिवार दिल्ली आ गया. यहां उन्होंने मैट्रिक किया. वह अंग्रेज़ी साहित्य में एमए हैं. संप्रति केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा की हिंदी लोक शब्दकोश परियोजना के अवैतनिक प्रधान संपादक हैं.

अरविंद कुमार फिल्म पत्रिका "माधुरी" और "रीडर्स डाजेस्ट" के हिंदी संस्करण सर्वोत्तम डाईजेस्ट के प्रथम संपादक थे. कला, नाटक और फिल्म समीक्षाओं के अतिरिक्त उनकी अनेक कविताएं, लेख व कहानियां प्रतिष्ठित पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं. उनके काव्यानुवाद विलियम शेक्सपीयर के जूलियस सीजर का मंचन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के लिये इब्राहिम अल्काजी के निर्देशन में हुआ.

1998 में जूलियस सीज़र का मंचन अरविंद गौड़ के निर्देशन में शेक्सपियर नाटक महोत्सव असम और पृथ्वी थिएटर महोत्सव, भारत पर्यावास केन्द्र इंडिया हैबिटेट सेंटर में अस्मिता नाट्य संस्था ने किया. अरविंद कुमार ने सिंधु घाटी सभ्यता की पृष्ठभूमि में इसी नाटक का काव्य रूपान्तर भी किया है, जिसका नाम है- विक्रम सैंधव.

Answered by surinderkaur1107
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अरविंद कुमार हिंदी के प्रथम समांतर कोश यानी थिसारस के निर्माता के रूप में हिंदी भाषाजगत को समृद्ध करने के लिये जाने जाते हैं. उनका जन्म 17 जनवरी, 1930 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ. उन्होंने पहले समांतर कोश और बाद में संसार का सबसे अद्वितीय द्विभाषी थिसारस तैयार किया. इस काम में उन्हें अपनी धर्मपत्नी कुसुम कुमार की बहुत सहायता मिली.

यह अपनी तरह का एकलौता अद्भुत भाषाई संसाधन है. यह किसी भी शब्दकोश और थिसारस से आगे की चीज़ है और संसार में कोशकारिता का एक नया कीर्तिमान स्थापित करता है. इतना बड़ा और इतने अधिक शीर्षकों, उपशीर्षकों वाला संयुक्त द्विभाषी थिसारस और कोश इस से पहले कहीं भी किसी भी भाषा में तैयार नहीं किया गया था.

अरविंद कुमार की प्रारम्भिक शिक्षा मेरठ के नगरपालिका विद्यालय में हुई. सन 1943 में उनका परिवार दिल्ली आ गया. यहां उन्होंने मैट्रिक किया. वह अंग्रेज़ी साहित्य में एमए हैं. संप्रति केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा की हिंदी लोक शब्दकोश परियोजना के अवैतनिक प्रधान संपादक हैं.

अरविंद कुमार फिल्म पत्रिका "माधुरी" और "रीडर्स डाजेस्ट" के हिंदी संस्करण सर्वोत्तम डाईजेस्ट के प्रथम संपादक थे. कला, नाटक और फिल्म समीक्षाओं के अतिरिक्त उनकी अनेक कविताएं, लेख व कहानियां प्रतिष्ठित पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं. उनके काव्यानुवाद विलियम शेक्सपीयर के जूलियस सीजर का मंचन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के लिये इब्राहिम अल्काजी के निर्देशन में हुआ.

1998 में जूलियस सीज़र का मंचन अरविंद गौड़ के निर्देशन में शेक्सपियर नाटक महोत्सव असम और पृथ्वी थिएटर महोत्सव, भारत पर्यावास केन्द्र इंडिया हैबिटेट सेंटर में अस्मिता नाट्य संस्था ने किया. अरविंद कुमार ने सिंधु घाटी सभ्यता की पृष्ठभूमि में इसी नाटक का काव्य रूपान्तर भी किया है, जिसका नाम है- विक्रम सैंधव.

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