Hindi, asked by bobby65681, 1 year ago

Articl in hindi on tenaliram

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Answered by anonymous091827
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तेनाली रामकृष्ण, जिन्हें “विकट कवि” और तेनालीराम के नाम से भी जाना जाता है। एक एक तेलगु कवि थे, जो वर्तमान आंध्रप्रदेश क्षेत्र में रहते थे एवं अपनी बुद्धि और हास्य के लिए जाने जाते है। विजयनगर के सम्राट कृष्णदेवराय (शासनकाल : 1509-1529) के दरबार के अष्टदिग्गज उर्फ़ आठ कवियों में से एक थे। तेनाली रामकृष्ण ने हिंदुत्व पर रचनात्मक रचनाए की है।

तेनाली रामा की जीवन कहानी – Tenali Rama

तेनाली रामालिंगाचार्युलू का जन्म तेलगु ब्राह्मण परिवार में गरलापति रामकृष्ण के रूप में ठुमुलुरु गाँव के आस-पास हुआ था। माना जाता है की 16 वी शताब्दी में उनका जन्म तेनाली नाम के गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम गरलापति रमय्या था, जो तेनाली गाँव के रामलिंगेश्वर स्वामी मंदिर के पुजारी थे।

उनका वास्तविक नाम रामलिंग था, कहा जाता है की जन्म से वे शैव थे लेकिन अंततः परिवर्तित होकर उन्होंने वैष्णव धर्म को अपना लिया और अपना नाम बदलकर रामकृष्ण रखा।

जब रामकृष्ण युवावस्था में थे, तभी उनके पिता रमय्या की मृत्यु हो गयी। इसके बाद उनकी माता लक्ष्मम्मा अपने पैतृक स्थान तेनाली में वापिस आ गयी और वहाँ वे अपने भाई के साथ रहने लगी थी। तानालिरम को तेमाली रामलिंग के साथ से भी जाना जाता था। कहा जाता है की बाद में उन्होंने वैष्णव धर्म अपना लिया था।

बचपन में तेनाली ने किसी तरह की औपचारिक शिक्षा ग्रहण नही की थी लेकिन फिर भी ज्ञान पाने की भूख की वजह से एक महान विद्वान बने। बाद में उनकी मुलाकात किसी साधू से हुई, जिन्होंने रामकृष्ण को देवी काली की आराधना करने की सलाह भी दी। बाद में वे भागवत मेला की प्रसिद्द मंडली में शामिल हो गये थे।

जब यह मंडली राजा कृष्णदेवराय के सामने प्रदर्शन करने विजयनगर, तो रामकृष्ण ने अपने प्रदर्शन से राजा का दिल जीत लिया था। इसके बाद उन्होंने अपने जीवन में घटित घटनाओ के बारे में राजा कृष्णदेवराय को बताया और राजा ने उन्हें अपने दरबार में एक हास्य कवि के रूप में जगह दी और इस प्रकार रजा कृष्णदेवराय की अष्टदिग्गजो का समूह भी पूरा हुआ।

इसके बाद रामकृष्ण ने हास्य कवि के रूप में बहुत प्रसिद्धि प्राप्त कर ली थी। सूत्रों के अनुसार रामलिंग बहुत सी कठिन परिस्थितियों में राजा रायलू को बचाने में भी सहायक साबित हुए है। इस प्रसिद्द कहानी में यह भी बताया गया है की रामलिंग ने अपनी बुद्धिमत्ता और चतुराई से विजयनगर को दिल्ली सल्तनत से बचाया था।

तेनाली रामकृष्ण के साहित्यिक कार्य

तेनाली राम अपनी प्रतिभा और बुद्धि के लिए प्रसिद्ध थे। तेनाली रामकृष्ण के महान कार्यो में पांडुरंग महात्म्यं शामिल है, जो उच्च योग्यता वाला एक काव्य है। तेलगु साहित्य के पञ्च महाकाव्यों में भी इसे शामिल किया गया है। अपनी इस रचना में उन्होंने पंढरपुर के पांडुरंग को भगवान विष्णु का ही मंदिर बताया था।

कहा जाता है की पंढरपुर के मंदिर का निर्माण संत पंडरीका के मंत्री द्वारा करवाया गया था। निगमा शर्मा नाम के एक ब्राह्मण ने अपव्यय और दुर्व्यवहार में ही अपन पूरा जीवन व्यतीत किया और अपनी अंतिम साँस उन्होंने पंढरपुर में ही ली थी।

कहा जाता है की यहाँ यम और विष्णु के दासो के बीच एक विवाद भी हुआ था। तेनालीराम ने पांडुरंगा के भक्तो की बहुत सी कहानियो को अपने काव्य में शामिल किया है, और उन्होंने पांडुरंग महात्म्य की थीम भी स्कन्दपुराण से ही ली थी। साथ ही “निगमा सर्मक्का” नाम के काल्पनिक चरित्र की रचना भी तेनालीराम द्वारा ही की गयी थी और उन्होंने नाम दिए बिना ही उनके आस-पास बहुत सी कहानियो की रचना कर दी। ‘चतुवु’ के नाम से उन्होंने बहुत सी उपन्यास कविताओ की भी रचना कर रखी है।

तेनालीराम जब रजा कृष्णदेवराय के दरबारी कवि थे तो उन्हें लोकनायक के रूप में प्रसिद्धि मिली लेकिन उसी समय उन्होंने धर्म पर कुछ गंभीर रचनाये भी की थी। उनके द्वारा रचीं कविताओ में से तीन कविताये हमें आज भी देखने मिलती है।

उनकी पहली कविता, शैव शिक्षक उद्भट के बारे में उद्भटाराध्य चरितामु थी, जो पलाकुरिकी सोमनाथ की बसवा पुराणं पर आधारित थी। उद्भटाराध्य में उन्होंने वाराणसी की पवित्रता का भी उल्लेख किया है। तेनाली रामकृष्ण का शैव धर्म के प्रति लगाव होने की वजह से, उन्हें तेनाली रामलिंग कवि के नाम से भी जाना जाता था।

जवकि वैष्णव धर्म पर भी उनका गहरा विश्वास था, जो सुंदर उदाहरण हमें उनकी रचना पांडुरंग महात्म्य में देखने मिलता है।

तेनाली को अक्सर विकताकवि के नाम से भी जाना जाता था। उनके कार्यो को देखते हुए उन्हें “कुमार भारती” की उपाधि भी दी गयी थी। प्रसिद्द संस्कृत कविता महिषासुरमर्दिनी स्त्रोतम की रचना उनके सम्मान में ही की गयी है।

तेनाली रामकृष्ण की कुछ रोचक बाते – Facts About Tenali Rama

हस्यरतना रामकृष्ण 1982 में बनी एक कन्नड़ फिल्म है, जिसके निर्देशक बी.एस. रंगा थे। इस फिल्म में अनंत नाग और आरती मुख्य भूमिका में दिखे। इसी फिल्म में अनंत नाग ने कवि रामकृष्ण की भूमिका निभाई थी।

1990 में दूरदर्शन पर टी.एस. नागभारना ने तेनाली राम नाम की हिंदी टीवी सीरीज भी बनाई थी, जिसमे विजय कश्यप मुख्य भूमिका में दिखे। यह फिल्म कमला लक्ष्मण की लघु कथाओ पर आधारित थी।

2003 में कार्टून नेटवर्क (इंडिया) ने दी एडवेंचर ऑफ़ तेनाली रमण नाम की एक एनिमेटेड सीरीज भी शुरू की। साथ ही 2014 में तेनालीराम नाम की फिल्म भी आयी थी। यह फिल्म तेनाली रमण की हास्य कहानियो पर आधारित थी।

वर्तमान में सब टीवी चैनल पर, तेनालीरामा नाम की सीरियल भी आ रही है।

रायलू और रामलिंग के जीवन की सबसे प्रसिद्द कहानिया उनकी बुद्धिमत्ता और प्रतिभा का एक सुंदर उदाहरण है।

Answered by patelsakera
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