Article on global warming in hindi 100 to 150 words
Answers
धरती के तापमान में लगातार बढ़ते स्तर को ग्लोबल वार्मिंग कहते है। वर्तमान में ये पूरे विश्व के समक्ष बड़ी समस्या के रुप में उभर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि धरती के वातावरण के गर्म होने का मुख्य कारण का ग्रीनहाउस गैसों के स्तर में वृद्धि है। अगर इसे नजरअंदाज किया गया और इससे निजात पाने के लिये पूरे विश्व के देशों द्वारा तुरंत कोई कदम नहीं उठाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब धरती अपने अंत की ओर अग्रसर हो जाएगी।
दिनों-दिन बढ़ते इसके खतरनाक प्रभाव से संपूर्ण विश्व के लिये खतरा उत्पन्न हो रहा है। इससे समुद्र जल स्तर में वृद्धि, बाढ़, तूफान, चक्रवात, मौसम के स्वरुपों में परिवर्तन, संक्रामक बीमारीयाँ, खाद्य कमी, मौतें आदि आने वाले समय में दिखाई देंगी। इससे निजात पाने का एक ही तरीका है व्यक्तिगत स्तर पर जन-जागरुकता। लोगों को इसका अर्थ, कारण, और प्रभाव की समझ होनी चाहिये जिससे इसको जड़ से मिटाया जा सके और धरती पर जीवन की संभावानाएँ सदा के लिये मुमकिन हो।
लोगों को उनकी बुरी आदतों जैसे तेल, कोयला और गैस के अत्यधिक इस्तेमाल, पेड़ों की कटाई(क्योंकि ये कार्बनडाई ऑक्साइड को सोखने का मुख्य स्रोत है) को रोक कर, कम बिजली का इस्तेमाल कर आदि से CO2 को फैलने से रोकना चाहिए। पूरी दुनिया के लोगों में थोड़े से बदलाव से, एक दिन हम लोग इसके प्रभावों को घटाकर वातावरण में हुए नकारात्मक परिवतर्नों को रोक सकते है।
Answer:
ग्लोबल वार्मिंग
ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के तापमान में वृद्धि का एक प्रमुख कारण है। यह माना जाता है कि पृथ्वी का तापमान अगली शताब्दी में एक उच्च स्तर तक बढ़ जाएगा जो पृथ्वी पर कई जीवित कठिनाइयों का निर्माण करेगा। बढ़ते तापमान का एक बड़ा कारण वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का बढ़ना है। कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ने का मुख्य कारण जीवाश्म ईंधन के अत्यधिक उपयोग और वनों की कटाई है। पौधे ऑक्सीजन के मुख्य स्रोत हैं जो कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं, जिसे हम छोड़ते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो हमारे लिए आवश्यक है। पौधों में कमी से कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ेगा, जिससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ेगी। पृथ्वी के तापमान के बढ़ने से बहुत सारी समस्याएँ पैदा होती हैं जैसे समुद्र का गर्म हो जाना, ग्लेशियर का पिघल जाना, बाढ़ का आना, तेज तूफान का आना, भोजन की कमी होना, बीमारियाँ होना, मृत्यु होना, आदि, जिस्से मानव जाती का विनाश होगा।