article on wearing face mask in hindi. I want long answer
Answers
Dispose them appropriately and perform hand hygiene immediately afterwards. If medical masks are worn, appropriate use and disposal is essential to ensure they are effective and to avoid any increase in risk of transmission associated with the incorrect use and disposal of masks.J
Explanation:
वुहान से फैला कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या आठ हजार के पार चली गई है, कोरोना वायरस तेजी से कई देशों में फैलता जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से मास्क की मांग बढ़ गई है। लॉकडाउन के 11वें दिन केंद्र सरकार ने कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी कर दिया है।
सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा आम लोग सर्जिकल मास्क की बजाय घर में बना मास्क पहने, इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिल सकती है। सरकार ने अपील की कि जब भी घर से निकले मास्क जरूर पहनें। सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) ने लोगों से कपड़े या फैब्रिक का मास्क पहनने की अपील की है।
सीडीसी का कहना है कि मेडिकल ग्रेड मास्क स्वास्थ्य कर्मचारियों या कोरोना से संक्रमित लोगों के लिए उपलब्ध रहें इसलिए आम लोग घर में बना मास्क पहनें। आखिर घर में बने मास्क पर इतना जोर क्यों दिया जा रहा है, इसके पीछे कई कारण हैं आइए जानते हैं...
सर्जिकल मास्क से बेहतर आम मास्क
सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक जो लोग कोरोना से संक्रमित नहीं है और घर से किसी जरूरी काम से बाहर निकल रहे हैं वो घर पर बने मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
घर पर बना मास्क सर्जिकल मास्क से बेहतर हो सकता है, सर्जिकल मास्क को छह घंटे से ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है लेकिन घर पर बने मास्क के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। घर पर बना मास्क पहनने से स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए सर्जिकल मास्क की उपलब्धता बनी रहेगी। सर्जिकल मास्क को एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
सरकार की तरफ से जारी एडवाइजरी में बताया गया है कि घर पर बना मास्क किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली बूंदों को आप तक पहुंचने में रोकता है। घर में बने मास्क को अच्छे धोकर दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
सूती कपड़े का इस्तेमाल कर मास्क को बना सकते हैं लेकिन एक बात का ध्यान जरूर रखें कि मास्क को गर्म पानी में पांच मिनट तक धोएं और पांच घंटे तक धूप में सूखाएं। इसके अलावा प्रेशर कूकर की मदद से भी मास्क को धो सकते हैं। दस मिनट कर कूकर में डालकर मास्क को बाहर निकालें और सूखने के लिए छोड़ दें। मास्क पहनते समय ये ध्यान रखें कि यह चेहरे पर अच्छी तरह से फिट हो रहा है और कान के पास किनारों में कोई गैप नहीं है
अतिरिक्त मास्क को कवर करके रखें
घर पर एक कपड़े से कई मास्क बना सकते हैं। ऐसा करने से आपको मास्क के सूखने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा लेकिन अतिरिक्त बनाए गए मास्क को आप अच्छे से कवर करके रखें। इसके लिए एक प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल किया जा सकता है। प्लास्टिक बैग को पानी और साबून से अच्छे से धोएं, दोनों तरफ से बैग को सूखने दें। इसके बाद बनाए गए अतिरिक्त मास्क को उस पैकेट में रख सकते हैं।
मेडिकल ग्रेड मास्क की जरूरत
सीडीसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मेडिकल ग्रेड मास्क को स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए ज्यादा जरूरी बताया है। सर्जिकल मास्क या एन95 जैसे मास्क का इस्तेमाल वे लोग करें जो कोरोना से संक्रमित मरीजों की देखभाल कर रहे हैं या फिर उनके संपर्क में आ सकते हैं। एन95 मास्क पहनने से 95 फीसदी तक छनकर कोई भी ड्रॉपलेट आप तक पहुंचती है।
सर्जिकल मास्क पर कई दिनों तक रह सकते हैं विषाणु
कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि एक शोध से पता चला है कि सर्जिकल मास्क पर हफ्ते भर कर कोरोना वायरस रह सकता है। लैंसेट जनरल में प्रकाशित शोध में ये बात कही गई है। इसलिए एक बार सर्जिकल मास्क पहनने पर उसका दोबारा इस्तेमाल ना करें। सर्जिकल मास्क पहनने के बाद उस पर हाथ ना लगाएं और बाहर से आकर तुरंत मास्क को अखबार में बांधकर फेंक दें।
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