Hindi, asked by shourshra, 7 months ago

Aruna ka charitra chitran.(about 1 page)

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Answered by Anonymous
30

Answer:

, उठ’’ और चादर खींचकर, चित्रा ने सोती हुई अरुणा को झकझोरकर उठा दिया.

‘‘क्या है...क्यों परेशान कर रही हो?’’ आँख मलते हुए तनिक झुँझलाहट भरे स्वर में अरुणा ने पूछा. चित्रा उसका हाथ पकड़कर खींचती हुई ले गई और अपने नए बनाए हुए चित्र के सामने ले जाकर खड़ा करके बोली,‘‘देख, मेरा चित्र पूरा हो गया.’’

रेखांकन: लाल रत्नाकर

‘‘ओह! तो इसे दिखाने के लिए तूने मेरी नींद खराब कर दी. बद्तमीज कहीं की!’’

‘‘इस चित्र को ज़रा आँख खोलकर अच्छी तरह तो देख. न पा गई पहला इनाम तो नाम बदल देना.’’ चित्र को चारों ओर से घुमाते हुए अरुणा बोली,‘‘किधर से देखूं, यह तो बता दे? हज़ार बार तुझसे कहा कि जिसका चित्र बनाए उसका नाम लिख दिया कर जिससे ग़लतफहमी न हुआ करे, वरना तू बनाए हाथी और हम समझें उल्लू.’’ फिर तस्वीर पर आँख गड़ाते हुए बोली,‘‘किसी तरह नहीं समझ पा रही हूँ कि चौरासी लाख योनियों में से आखिर यह किस जीव की तस्वीर है?’’

Answered by Anonymous
4

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  • उठ’’ और चादर खींचकर, चित्रा ने सोती हुई अरुणा को झकझोरकर उठा दिया.

  • ‘‘क्या है...क्यों परेशान कर रही हो?’’ आँख मलते हुए तनिक झुँझलाहट भरे स्वर में अरुणा ने पूछा. चित्रा उसका हाथ पकड़कर खींचती हुई ले गई और अपने नए बनाए हुए चित्र के सामने ले जाकर खड़ा करके बोली,‘‘देख, मेरा चित्र पूरा हो गया.’’

  • रेखांकन: लाल रत्नाकर

  • ‘‘ओह! तो इसे दिखाने के लिए तूने मेरी नींद खराब कर दी. बद्तमीज कहीं की!’’

  • ‘‘इस चित्र को ज़रा आँख खोलकर अच्छी तरह तो देख. न पा गई पहला इनाम तो नाम बदल देना.’’ चित्र को चारों ओर से घुमाते हुए अरुणा बोली,‘‘किधर से देखूं, यह तो बता दे? हज़ार बार तुझसे कहा कि जिसका चित्र बनाए उसका नाम लिख दिया कर जिससे ग़लतफहमी न हुआ करे, वरना तू बनाए हाथी और हम समझें उल्लू.’’ फिर तस्वीर पर आँख गड़ाते हुए बोली,‘‘किसी तरह नहीं समझ पा रही हूँ कि चौरासी लाख योनियों में से आखिर यह किस जीव की तस्वीर है?’’
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