Hindi, asked by ankitsingh3052, 3 months ago

अस्मिन् संसारे अनेकानि
सुखानि सन्ति। तद् यथा पुत्र-सुखम्,
पत्नी-सुखम्, धन-सुखम्, शरीर सुखं
च। परं शरीर-सुखं एतेषु सर्वेषु
श्रेष्ठम् अस्ति। स्वास्थ्यं विना सर्वाणि
सुखानि निरर्थकानि एव। ​

Answers

Answered by afzal5618
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साम, तद्भव, देशी, विदेशी शब्दों को छाँटकर लिखिए। प्रत्येक वाक्य में से दो; जैसे-

प्लीश कम, आइए। कुर्सी पर यहाँ बैठिए। इतने दिवस कहाँ रहे आप? प्लीज-विदेशी, दिवस-तत्या

तुम रघु के पौत्र हो वत्स, तुम्हारा विवाह सीता से ही होगा।

दिव्या की औकात ही क्या है। न तो उसमें अक्ल है और न ही दिमाग।

सगड़ी, जूता, लाठी भारतीयता की मुख्य पहचान हैं।

रेलगाड़ी आने में अभी देर है, तब तक रेस्ट्राँ में बैठते हैं।

अष्ट दुर्गा और सप्त ऋषि प्रसिद्ध हैं।

कर्मा के बटन बंद करो और चश्मा पहन लो।

एक थप्पड लगेगा, बिल्कुल भौंदू हो-ठीक से झाडू लगाओ।

मुल्ला नसीरुद्दीन अपने साथ अपनी बेगम, चपरासी और एक फ़कीर को लेकर आए थे।Explanation:

साम, तद्भव, देशी, विदेशी शब्दों को छाँटकर लिखिए। प्रत्येक वाक्य में से दो; जैसे-

प्लीश कम, आइए। कुर्सी पर यहाँ बैठिए। इतने दिवस कहाँ रहे आप? प्लीज-विदेशी, दिवस-तत्या

तुम रघु के पौत्र हो वत्स, तुम्हारा विवाह सीता से ही होगा।

दिव्या की औकात ही क्या है। न तो उसमें अक्ल है और न ही दिमाग।

सगड़ी, जूता, लाठी भारतीयता की मुख्य पहचान हैं।

रेलगाड़ी आने में अभी देर है, तब तक रेस्ट्राँ में बैठते हैं।

अष्ट दुर्गा और सप्त ऋषि प्रसिद्ध हैं।

कर्मा के बटन बंद करो और चश्मा पहन लो।

एक थप्पड लगेगा, बिल्कुल भौंदू हो-ठीक से झाडू लगाओ।

मुल्ला नसीरुद्दीन अपने साथ अपनी बेगम, चपरासी और एक फ़कीर को लेकर आए थे।

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