अस्मिन् संसारे शक्तेः महिमा सर्वत्र दृश्यते । इयं शक्तिः देवेषु, दानवेषु, मानवेषु, पशुषु, पक्षिषु, ग्रहनक्षत्रेषु च सर्वत्र वर्तते । शक्तिं विना न सिध्यति किमपि कार्यम् पश्यतु भवान्, सूर्यः आकाशे शक्त्या एव भासते तपति च, चन्द्रमाः अपि शक्त्या एव तमो निवारयति, लोकानां मनांसि आनन्दयति च शक्ति प्रभावादेव अग्निः दहति, वायुः वाति, जलं च वहति । paragraph का शीर्षक बताएं
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इस संसार में शक्ति की महिमा सभी जगह दिखती है। यह शक्ति देवता, दानव, मानव, पशु, पक्षी ,ग्रह, नक्षत्र सभी जगह है। शक्ति बिना कोई भी कार्य सिद्ध नहीं होता। जैसे सूर्य आकाश में उदित होकर सबको रोशनी देती है, ताप देती है ।चंद्रमा भी रात के अंधकार का निवारण करती है ।मनुष्य सबको आनंद प्रदान करते हैं ।आग किसी भी चीज को जलाती है ,वायु हमें सांस लेने में मदद करती है, जल हमारे प्यास बुझाती है।
इस पाठ का शीर्षक शक्ति की महिमा। "शक्ते: महिमा सर्वत्र दृश्यते"।
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