Social Sciences, asked by deepti32thakur, 1 month ago

अस्पृश्यता या छुआछूत को एक अपराध क्यों माना गया है​

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Answered by shishir303
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¿ अस्पृश्यता या छुआछूत को एक अपराध क्यों माना गया है​ ?

✎... अस्पृश्यता या छुआछूत को समाज में अपराध इसलिए माना गया है क्योंकि अस्पृश्यता या छुआछूत समाज में भेदभाव और असमानता पैदा करती है। एक लोकतांत्रिक और आधुनिक समाज में सभी नागरिक समान होते हैं, विशेषकर लोकतांत्रिक देश में समानता का सिद्धांत मूल सिद्धांत होता है। ऐसे में किसी व्यक्ति से उसके जाति, धर्म आदि के आधार पर भेदभाव करना ना तो नौतिक रूप से उचित है और ना ही यह कानूनी रूप से सही है। इसी कारण अस्पृश्यता अधिनियम 1955 के अनुसार यह एक दंडनीय अपराध है। इस तरह का कानून बनाकर समाज की मुख्यधारा से कटे और समाज के हाशिए पर पहुंच गए वर्ग को मुख्यधारा में लाना है, ताकि एक सर्वग्राही और समभावी समाज का निर्माण हो सके।

अस्पृश्यता या छुआछूत वाले कार्य को दंडनीय अपराध के दायरे में लाकर ऐसे लोगों के हतोत्साहित करना है, जो समाज में इस तरह के अस्पृश्यता या छुआछूत को बढ़ावा देते हैं।  

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Answered by SparshaM
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Answer:

अस्पृश्यता या छुआछूत को एक अपराध क्यों माना गया है

  • बेशक अस्पृश्यता एक अपराध है क्योंकि आप किसी व्यक्ति से उसकी जाति, पंथ, पहनावे और धर्म के लिए नफरत नहीं कर सकते।
  • हम एक ही हैं क्योंकि खून को कोई अलग नहीं करता, उसका रंग हमेशा लाल ही रहता है। हम भारत के नागरिक हैं, हमारे पास समान गुण हैं क्योंकि भारत संप्रभु समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है।
  • भीमराव रामजी अम्बेडकर को अस्पृश्यता ने बेरहमी से शिकार बनाया था। उनकी जीवनी पढ़कर हम समझ सकते हैं कि इसे अपराध क्यों कहा जाता है। वह सभी प्रकार की सामाजिक सुविधाओं से वंचित था। यहां तक कि उन्हें पीने के पानी के लिए भी इंतजार करना पड़ा, वह अपनी कक्षा में नहीं बैठ पा रहे थे, क्या आप सोच सकते हैं कि यह किस तरह का अपराध था।
  • लेकिन कभी इसके शिकार हुए इस महापुरुष ने संविधान का मसौदा तैयार किया और इस अस्पृश्यता को 1995 में हमेशा के लिए रोक दिया गया।
  • इसलिए अस्पृश्यता को अपराध कहा गया है और इसे निचली जातियों पर शासन करने के लिए बनाया गया था।
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