CBSE BOARD X, asked by sahilanant30, 7 months ago

अस्पताल गृह व्यवस्था पर एक नोट लिखिए​

Answers

Answered by sayanACE
1

Answer:

नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। होटल उद्योग के क्षेत्र में गृह व्यवस्था कैरियर की बहुत कम संभावनाओं का पता लगाया गया है। इस विभाग में नौकरी करने का अर्थ निरंतर श्रम करना है, जिसका फल भी मिलता है। इस नौकरी में व्यक्ति को फर्श साफ करने से लेकर परदे बदलने तक के सभी कार्य करने पड़ते हैं।

संक्षेप में, गृह व्यवस्था ग्राहक की सेवा से संबंधित कार्य है, जहां ग्राहक या अतिथि की संतुष्टि एवं आनंद को प्राथमिकता दी जाती है। सामान्य दृष्टि से देखें तो यही अर्थ निकलता है कि घर को सर्वोत्तम ढंग से व्यवस्थित रखा जाए। स्वच्छता विश्व स्तरीय हो और अत्यधिक व्यवस्थित ढंग से कार्य किए जाएं।

विभाग के शीर्ष पर हेड अर्थात कार्यकारी गृह प्रबंधक होता है, उसके बाद सहायक कार्यकारी होते हैं। सहायक कार्यपालक (कार्यकारी) के अधीन गेस्ट रिलेशंस सुपरवाइजर होते हैं। ये सुपरवाइजर गृह व्यवस्था प्रशिक्षणार्थियों तथा गृह व्यवस्था परिचारकों के प्रभारी होते हैं। ये परिचारक तथा प्रशिक्षणार्थी ही सोफासाज, दरजी, पॉलिश करनेवाले, बढ़ई, पेंटर आदि जैसे विभाग के शेष स्टाफ से कार्य करवाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

गृह व्यवस्था के अच्छे कर्मचारी बनने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आप में सफाई करने की धुन लगी हो। जरूरत इस बात की है कि आपका शांत व्यक्तित्व और स्पष्ट दृष्टिकोण हो। आत्मविश्वास, क्षमता तथा दूरदर्शिता अन्य पूर्वापेक्षाएं हैं। व्यक्ति को परिश्रमी होना चाहिए तथा हर ब्योरे पर नजर रखनेवाला भी। स्टाफ के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण तथा प्रोत्साहित करने की प्रवृत्ति से तथा हर प्रकार की स्थिति सुलझाने की क्षमता से आप आगे ही आगे बढ़ते जाएंगे। अन्य महत्वपूर्ण कारक संयम है। आपको पूरी तरह से सयम का पाबंद होना चाहिए।

आप दो प्रकार से इस विभाग में शामिल हो सकते हैं। एक तरीका यह है कि होटल प्रबंधन में तीन वर्ष का डिप्लोमा करने के बाद यह विभाग चुनें। दूसरे, आप बारहवीं या स्नातक करने के बाद केवल इसी विभाग से संबंधित डिप्लोमा कर सकते हैं। ऐसे डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की अवधि छह से बारह माह तक होती है। सभी व्यावसायिक संस्थानों में ये पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं।

होटल प्रबंधन पाठ्यक्रम में आवेदन करने के लिए आपके पास बारहवीं या स्नातक स्तर पर 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला दिया जाता है। इस परीक्षा में उम्मीदवार का अभिवृत्ति तथा सामान्य ज्ञान की दृष्टि से मूल्यांकन किया जाता है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए क्रमश: 15 और 7.5 प्रतिशत आरक्षण है। साक्षात्कार और सामूहिक परिचर्चा में उम्मीदवारों के निष्पादन का मूल्यांकन किया जाता है।

आपको विभिन्न होटलों, रेस्तरां, क्लबों, क्रूजशिप, रिजॉर्ट तथा आतिथ्य उद्योग से जुड़े अन्य भागों में काम पर रखा जा सकता है। कॉरपोरेट हाउस, अस्पताल और बड़े संगठनों में भी गृह व्यवस्था कार्यपालकों की आवश्यकता होती है। नौकरी की अनंत संभावनाएं हैं तथा भविष्य उज्‍जवल है।

प्रशिक्षणार्थी के रूप में आप संगठन की हैसियत के आधार पर पांच हजार रुपए से सात हजार रुपए के बीच तक कमा सकते हैं। प्राइवेट संगठनों में ढाई हजार से साढ़े तीन हजार तक तनख्वाह मिलती है। जैसे-जैसे सफलता की सीढ़ी चढ़ते हैं, वेतन बढ़ता जाता है। इस क्षेत्र में कार्य-संतुष्टि पूरी तरह से मिलती है। गृह व्यवस्था क्षेत्र में ऐसे लोग आते हैं, जो अपने आस-पास अतिथि के आराम का पूरा ध्यान रखते हैं। ये निरंतर सेवाएं प्रदान करते हैं। आपको अपनी मेहनत का स्पष्ट रूप से फल मिल जाता है तथा यह कैरियर सुखद एवं संतोषप्रद है।

गृह व्यवस्था की सेवाओं की मांग आजकल बढ़ रही है। इस बढ़ती मांग के साथ इस क्षेत्र में गैर सरकारी संस्थाओं की मांग भी कई गुना बढ़ गई है। यदि आपके पास पर्याप्त अनुभव है और आपकी वित्तीय स्थिति सुदृढ़ है तो आप अपनी कंपनी खोल सकते हैं, अन्यथा आप प्रबंधकीय स्टाफ के सदस्य के रूप में किसी प्राइवेट संगठन में शामिल हो सकते हैं। इस विभाग से उकता जाने पर आप नए ढंग से कार्य करने, अनुरक्षण या प्लेसमेंट सेवाओं अर्थात् ग्राहक से जुड़ी कोई भी नौकरी चुन सकते हैं।

(कैरियर संबंधी और अधिक जानकारी के लिए देखिए ग्रंथ अकादमी, नई दिल्ली से प्रकाशित ए. गांगुली और एस. भूषण की पुस्तक "अपना कैरियर स्वयं चुनें"।)

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Explanation:

Similar questions