Hindi, asked by leelaparmar9910, 1 month ago

असुरो के राजा तथा गुरू का नाम क्या था​

Answers

Answered by sofytofy123
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Explanation:

भारत के बंगाल प्रदेश में जन्मे चित्रकार थे।20 वीं शताब्दी की शुरुआत में बंगाल स्कूल का विचार अभनींद्रनाथ टैगोर के कार्यों के साथ आया था। उनकी अरब रात की श्रृंखला ने वैश्विक स्तर पर एक निशान बनाया क्योंकि यह भारतीय चित्रकला के पिछले स्कूलों से अलग हो गया और कुछ नया लाया। उन्होंने भारत कला में स्वदेशी मूल्यों को शामिल करने की कोशिश की और कलाकारों के बीच पश्चिमी कला शैली के प्रभाव को कम करने की कोशिश की। वह अपने चित्रकला भारत माता और विभिन्न मुगल-थीम वली पेंटिंग्स के लिए जाने जाते हैं। अवनींद्रनाथ टैगोर ‘इंडियन सोसाइटी ऑफ़ ओरिएण्टल आर्ट’के मुख्य चित्रकार और संस्थापक थे। भारतीय कला में स्वदेशी मूल्यों के वे पहले सबसे बड़े समर्थक थे। इस प्रकार उन्होंने ‘बंगाल स्कूल ऑफ़ आर्ट’ की स्थापना में अति प्रभावशाली भूमिका निभाई, जिससे आधुनिक भारतीय चित्रकारी का विकास हुआ। एक चित्रकार के साथ-साथ वे बंगाली बाल साहित्य के प्रख्यात लेखक भी थे। वे ‘अबन ठाकुर’ के नाम से प्रसिद्ध थे और उनकी पुस्तकें जैसे राजकहानी, बूड़ो अंगला, नलक, खिरेर पुतुल बांग्ला बाल-साहित्य में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती हैं। उनकी शैली ने बाद के कई चित्रकारों को प्रभावित किया जिमें प्रमुख हैं – नंदलाल बोस, असित कुमार हलधर, क्षितिन्द्रनाथ मजुमदार, मुकुल डे, मनीषी डे और जामिनी रॉय। अवनींद्रनाथ टैगोर का जन्म प्रसिद्ध ‘टैगोर परिवार’ में कोलकता के जोरासंको में 7 अगस्त 1871 में हुआ था। उनके दादा का नाम गिरिन्द्रनाथ टैगोर था जो द्वारकानाथ टैगोर के दूसरे पुत्र थे। वे गुरु रविंद्रनाथ टैगोर के भतीजे थे। उनके दादा और बड़े भाई गगनेन्द्रनाथ टैगोर भी चित्रकार थे।

अवनीन्द्रनाथ ठाकुर

Abanindranath Tagore photo.jpg

अवनीन्द्रनाथ ठाकुर

Answered by sandhyaupadhyay775
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Answer:

ऋषि भृगु के पुत्र शुर्काचार्य असुर राजा विरोचन के गुरु थे जो बाद में महान राजा बलि के गुरु बने।

एक अन्य मान्यता अनुसार वे भृगु ऋषि तथा हिरण्यकशिपु की पुत्री दिव्या के पुत्र थे।

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