अस्तित्व के लिए संघर्ष की अवधारणा किसने की
Answers
Answer:
कार्ल मार्क्स ने कहा कि ''समाज सदैव दो आर्थिक वर्गों में बंटा रहेगा- शोषक व शोषित। ये वर्ग सदैव एक दूसरे के साथ संघर्षरत रहेंगे जब तक कि वर्ग विहीन समाज की स्थापना न हो जाए।'' मनोवैज्ञानिक रूप से इस संघर्ष को कभी समाप्त नहीं किया जा सकता है क्योंकि व्यक्ति विशेष में श्रेष्ठता व हीनता की भावना स्वभावत: होती ही है।
Explanation:
I hope you get help.
Answer:
अस्तित्व के लिए संघर्ष की अवधारणा, जो एक प्रजाति के व्यक्तियों के बीच संसाधनों और अस्तित्व के लिए प्रतिस्पर्धा को संदर्भित करती है, को सबसे पहले ब्रिटिश प्रकृतिवादी चार्ल्स डार्विन ने अपने विकासवाद के सिद्धांत में पेश किया था।
Explanation:
डार्विन ने देखा कि एक आबादी के भीतर, लाभप्रद लक्षणों वाले व्यक्तियों के जीवित रहने और पुनरुत्पादन की संभावना अधिक होती है, जो उनके अनुकूल लक्षणों को उनकी संतानों में पारित करते हैं। इसके परिणामस्वरूप समय के साथ जनसंख्या की विशेषताओं में क्रमिक परिवर्तन होता है।
डार्विन का अस्तित्व के लिए संघर्ष का विचार प्राकृतिक दुनिया की उनकी टिप्पणियों पर आधारित था, जहां उन्होंने देखा कि भोजन, पानी और आश्रय जैसे सीमित संसाधनों के कारण केवल संतानों का एक छोटा सा अंश वयस्कता तक जीवित रहता है। संसाधनों को प्राप्त करने के लिए बेहतर अनुकूलन जैसे लाभप्रद लक्षणों वाले व्यक्तियों के जीवित रहने और पुनरुत्पादन की संभावना अधिक होती है, जिससे समय के साथ नई प्रजातियों का विकास होता है।
अस्तित्व के लिए संघर्ष की अवधारणा विकास के सिद्धांत का एक मूलभूत घटक है और इसे विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिकों द्वारा व्यापक रूप से स्वीकार और अध्ययन किया गया है। इसने पृथ्वी पर जीवन की विविधता को समझाने में मदद की है और समय के साथ यह कैसे बदल गया है।
To learn more about the concept please go through the links:
https://brainly.in/question/43797643
https://brainly.in/question/42760066
#SPJ3