अस्थमा के लक्षण बताइए
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अस्थमा या दमा श्वसन तंत्र या फेफड़ों से सम्बंधित बिमारी है. इसमें सांस की नली ब्लॉक या पतली हो जाती हैं जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है. इसके कारण छोटी-छोटी सांस लेनी पड़ती है, छाती में कसाव जैसा महसूस होता है, सांस फूलने लगता है, खाँसी आती है आदि.
आमतौर पर,अस्थमा के लक्षणों में सांस का फूलना, सीने में दर्द होना, खांसी होना इत्यादि शामिल हैं। इन सभी लक्षणों में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं और कुछ मामलों में अस्थमा से पीड़ित लोगों को यह पता ही नहीं चलता है कि उन्हें अस्थमा की बीमारी है क्योंकि उनमें ये लक्षण नज़र नहीं आते हैं।
अस्थमा की कई सारी संभावनाएं होती हैं, लेकिन अस्थमा के असर को नॉर्मल समझा जा सकता है और इसके लिए इलाज के सामान्य तरीकों से जैसे दवाईयां लेने को अपनाया जा सकता है।
अस्थमा के कुछ मामलें ऐसे देखने को मिलते हैं,जिनमें लोगों को कई सारी परेशानाओं जैसे दिल की धड़कनों का तेज़ी से चलना,इनहेलर का बार-बार इस्तेमाल करना, सांस लेने की समस्या का बढ़ना इत्यादी का सामना करना पड़ता है।
जिन चीजों से अस्थमा का खतरा बढ़ सकता है, उनकी सूची नीचे दी गई है-
कैमिकल और फ्रेग्नेंस- अगर, कोई व्यक्ति Strong कैमिकल और फ्रेग्रेंस के contact में आता है, तो उसे अस्थमा होने की संभावना बढ़ सकती है।
पराग (Pollen)- अक्सर, अस्थमा पराग (Pollen) के कारण भी हो सकता है। इसी कारण सभी लोगों को पराग से दूरी बनाए रखनी चाहिए ताकि उन्हें किसी तरह की बीमारी न हो।
तंबाकू का सेवन करना- दमा की बीमारी उस शख्स को भी हो सकती है, जो तंबाकू का सेवन करता है
मौसम का बदलना, मुख्य रूप से सर्दी में (ठंडी हवा का चलना)- कई बार, मौसम के बदलने से भी अस्थमा के होने की समस्या बढ़ सकती है। यह समस्या सर्दी के मौसम में भी बढ़ सकती है, इसी कारण लोगों को सर्दी के मौसम में अपनी Health पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।
पालतू पशुओं के बाल- अगर आपको पालतू पशुओं (Pets) के साथ खेलना पसंद है, तो आपको सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह आपको दमा का शिकार बना सकता है।