Hindi, asked by sunilkumarbishnoi236, 1 month ago

असाध्य वीगा नामक लम्बी कविता दी मूल संवेदना क्या​

Answers

Answered by shrutisharma07
5

Answer:

असाध्य वीणा वर्ण्य विषय :

अज्ञेय के यहाँ इस लंबी कविता में प्रियंवद(व्यक्ति सत्ता) एक लंबी साधना प्रक्रिया से गुजरता है। वह अपने आत्म(I) को उस परम सत्ता(thou) में विलीन कर देता है। इसलिए आत्म विसर्जन के जरिये वह स्वयं को परम सत्ता से जोड़ देता है। यही पूरी कविता की मूल संवेदना है।

Answered by priyanshisingh01
7

Answer:

असाध्य वीणा वर्ण्य विषय :

अज्ञेय के यहाँ इस लंबी कविता में प्रियंवद(व्यक्ति सत्ता) एक लंबी साधना प्रक्रिया से गुजरता है। वह अपने आत्म(I) को उस परम सत्ता(thou) में विलीन कर देता है। इसलिए आत्म विसर्जन के जरिये वह स्वयं को परम सत्ता से जोड़ देता है। यही पूरी कविता की मूल संवेदना है।

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