असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो,
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम,
कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।
| (क) उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कविता से ली गई हैं?
(ख) उपरोक्त पंक्तियाँ किस कवि द्वारा लिखी गई हैं?
(0) असफलता को चुनौती क्यों कहा गया है?
(ब) संघर्ष का मैदान किसे कहा गया है?
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कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
Step-by-step explanation:
क) उपरोक्त पंक्तियाँ कविता "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती" शीर्षक से ली गयी हैं.
ख) उपरोक्त पंक्तियाँ कवी सोहन लाल द्विवेदी जी द्वारा लिखी गयी कविता जिसका शीर्षक" कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती से लिया गया है"
ग) इन पंक्तियो में असफलता को चुनती इसलिए बोला गया है क्युकी असफ़लता बार बार आने के बाद भी हम पीछे नहीं हटना चाइये उसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करके उसका सामना करना चाइये और उस पर विजय प्राप्त करनी चाइये.
घ) इस कविता में संघर्ष का मैदान कवी ने आजादी के लिए बोला है, ये कविता द्विवेदी जी ने आजादी के टाइम क्रांतिकारिओं को प्रेरित करने के लिए लिखी थी तोह संघर्ष करणमे का तापर्य आज़ादी दिलाने से है.
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