History, asked by sahastomar1070, 10 months ago

असहयोग आंदोलन गांधी जी ने क्यों वापस लिया

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Answered by nishakankarwal51
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Answer:

असहयोग आंदोलन के दौरान 5 फ़रवरी, 1922 में हुए चौरी-चौरा घटना के बाद गाँधी जी ने उस आंदोलन को वापस ले लिया। चौरी-चौरा घटना के दो दिन पहले असहयोग आंदोलन के तहत कुछ प्रत्याशी मीट के बढ़ते दामो का विरोध कर रहे थे, जिसके दौरान उस विरोध प्रदर्शन के कुछ नेताओं को अरेस्ट कर लिया गया।

Explanation:

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1921 में असहयोग आंदोलन के दौरान 396 हड़तालें हुई. इनमें छह लाख श्रमिक शामिल थे और इससे 70 लाख कार्यदिवसों का नुकसान हुआ था

अंग्रेज हुक्मरानों की बढ़ती ज्यादतियों का विरोध करने के लिए महात्मा गांधी ने एक अगस्त 1920 को असहयोग आंदोलन की शुरूआत की. आंदोलन के दौरान विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में जाना छोड़ दिया, वकीलों ने अदालत में जाने से मना कर दिया और कई कस्बों और नगरों में श्रमिक हड़ताल पर चले गए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1921 में 396 हड़तालें हुई जिनमें छह लाख श्रमिक शामिल थे और इससे 70 लाख कार्यदिवसों का नुकसान हुआ. शहरों से लेकर गांव-देहात में इस आंदोलन का असर दिखाई देने लगा और सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद असहयोग आंदोलन से पहली बार अंग्रेजी राज की नींव हिल गई.

इसी दौरान फ़रवरी 1922 में किसानों के एक समूह ने संयुक्त प्रांत के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा पुरवा में एक पुलिस स्टेशन पर आक्रमण कर उसमें आग लगा दी. हिंसा की इस घटना के बाद गांधी जी ने यह आंदोलन तत्काल वापस ले लिया.

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