Asantulit mausam ya manushyata par anuched
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असंतुलित मौसम के कारण आज के समय में हमें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है | समय से पहले गर्मी के कारण , समय से पहले बारिश न होना , समय से पहले ठंड पड़ना | सब असंतुलित हो था है |
इसकी के कारण फसलों को नही नुकसान हो रहा है |
यह पर्यावरण के द्वारा हो रहा है , जो मनुष्य अपने लाभ के लिए गलत काम कर रहा है सब कुछ प्रकति को भुगतना पड़ रहा है | पर्यावरण असंतुलन के खतरे के कारण बहुत सारे पक्षियों की जातियां खत्म होती जा रही है |
पर्यावरण असंतुलन के खतरे के कारण बहुत सारे पक्षियों की जातियां खत्म होती जा रही है| जिस कारण सामा, गोरैया, कर्रा, कठखोदवा, नीलकंठ, पंडुक, परोकी, फूलचूशी, बगूला, कौवा, तोता, मैना आदि की संख्या लगातार कम होती जा रही है तथा कई प्रजातियां तो लुप्त हो चुकी है और आगे भी हो रही है | इनका संरक्षण करने के लिए हमें प्रदूषण को कम करना होगा और अधिक से अधिक पेड़ लगाने होगे और सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा | वायु प्रदूषण को कम करना होगा ताकी पक्षी ताजी हवा ले सके | कम से कम गाड़ियों का प्रयोग करना चाहिए | हमें मिलकर यह कदम लेना होगा तभी इनकी ज़िन्दगी बच सकती है |